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Shani Amavasya 2023: शनि अमावस्या आज, पूरे साल शनि की कृपा पाने के लिए यूं करें पूजा, जानें महत्व

Shani Amavasya 2023: प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति के लिए और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए।

Written By: Acharya Indu Prakash
Published : Jun 17, 2023 11:42 IST, Updated : Jun 17, 2023 11:42 IST
Shani Amavasya 2023
Image Source : INSTAGRAM/ INDIASHERITAGE Shani Amavasya 2023

Shani Amavasya 2023: शनि अमावस्या कर्म प्रधान लोगों के लिए विशेष मायए रखती है क्योंकि शनिदेव कर्म के देवता है। इस साल शनि अमावस्या 17 जून दिन शनिवार को पड़ रही है। जब अमावस्या दो दिनों की होती है, तो पहले दिन श्राद्ध आदि की अमावस्या मनाई जाती है और अगले दिन स्नान-दान की अमावस्या मनायी जाती है। लिहाजा आज 17 जून को श्राद्ध आदि की अमावस्या मनायी जाएगी और 18 जून को स्नान-दान की अमावस्या मनाई जाएगी। जैसे सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है, वैसे ही शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या शनिश्चरी अमावस्या कहलाती है। अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है। 

शनि अमावस्या पूजा विधि

  • शनि अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत होकर स्नान कर लें।
  • अगर आपके आसपास पवित्र नदी है तो वहां जाकर स्नान कर लें। अगर ये संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करें।
  • इसके बाद घर के मंदिर में विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के बाद आरती करें साथ ही दीपक जलाएं।
  • इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
  • फिर घर के पास स्थित मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें और दीपक जलाकर उन्हें सरसों का तेल अप्रित करें।

शनि अमावस्या महत्व

शास्त्रों में आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या का भी बहुत महत्त्व बताया गया है। प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति के लिए और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही आषाढ़ मास की अमावस्या से ही वर्षा ऋतु का आगमन भी हो जाता है। 

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