हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर होता है जबकि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर होता है। इस साल शरद पूर्णिमा के मौके पर यानी की 28 अक्टूबर के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और 29 अक्टूबर की देर रात 3 बजकर 36 मिनट पर इसका समापन होगा। इस बार चंद्र ग्रहण लगने से कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव देखने को मिलेंगे। आचार्य इंदु प्रकाश बता रहे हैं कि यह ग्रहण किस राशि के लिए शुभ और किस राशि के लिए अशुभ परिणाम लेकर आ रहा है। साथ ही इस चन्द्र ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिए और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ग्रहण के बाद आपको किन उपायों को आज़माना चाहिए।
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मेष राशि-
मेष राशि वालों यह चन्द्रग्रहण आपके पहले यानि लग्न स्थान पर लगेगा और यह स्थान स्वयं का माना जाता है। इस ग्रहण के प्रभाव से आप अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशान हो सकते हैं। आपको अपने कार्यों को पूरा करने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। अतः इस ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिए-किसी भी पेड़ की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए।
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वृष राशि-
वृष राशिवालों यह चन्द्रग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगेगा, यानि आपके शैय्या सुख और खर्चे पर यह ग्रहण लगेगा। इस ग्रहण के प्रभाव से आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी। लिहाजा इस ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिए- अपने किसी भी कार्य की शुरुआत पानी पीकर करनी चाहिए।
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कर्क राशि-
कर्क राशि वालों यह चन्द्रग्रहण आपके दसवें स्थान पर लगेगा, यानि आपके और आपके पिता के करियर पर यह ग्रहण लगेगा। इस ग्रहण के दौरान आपको ज्यादा सोच-विचार करने से बचना चाहिए। अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए आपको कुछ अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। अतः ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिये रात के समय दूध पीने से बचना चाहिए।
28 अक्टूबर को है इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सभी राशि के जातकों पर इसका कैसा होगा असर?
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तुला राशि-
तुला राशि वालों यह चन्द्रग्रहण आपके सातवें स्थान पर लगेगा, यानि जीवनसाथी के साथ आपके रिश्तों पर यह ग्रहण लगेगा। इसके प्रभाव से आपको जीवनसाथी का सहयोग पाने में अपना व्यवहार अच्छा बनाकर रखना चाहिए। कार्यो को पूरा करने में आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। लिहाजा इस ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिये दूध का दान करना चाहिए।
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वृश्चिक राशि-
वृश्चिक राशि वालों यह चन्द्रग्रहण आपके छठे स्थान पर लगेगा और यह स्थान स्वास्थ्य, मित्र और शत्रुओं से संबंध रखता है। इस ग्रहण के प्रभाव से शत्रु पक्ष आप पर हावी होने की कोशिश करेगा। आपको अपने मित्रों से ताल-मेल बनाकर रखना होगा। साथ ही अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की जरुरत है। अतः इस ग्रहण के अशुभ फलों से बचने के लिए अपने पिता को अपने हाथों से दूध पिलाना चाहिए।