Surya Grahan 2023: हिंदू धर्म में चंद्र और सूर्य दोनों ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है। इस साल 14 अक्टूबर के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर देर रात 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण का कुल पर्वकाल 5 घंटे 51 मिनट का रहेगा। बता दें कि यह सूर्य ग्रहण साल 2023 का आखिरी ग्रहण होगा। ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक काल का भी खास ध्यान रखना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, जिसमें सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पहलो प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय माना जाता है, लिहाजा सूतक काल में भी कोई मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस ग्रहण का सूतक काल 14 अक्टूबर की सुबह 8 बजकर 34 मिनट पर ही शुरू हो जाएगा।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें खास ध्यान
- सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना ही सूर्य ग्रहण को कभी भी डायरेक्ट आंखों से देखना चाहिए।
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं बाहर बिल्कुल भी न निकलें।
- ग्रहण के समय सुई में धागा नहीं डालना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए।
- इसके अलावा ग्रहण के समय मंदिर के मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के समय सूर्यदेव का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का तेज आवाज में उच्चारण करना चाहिए। सूर्यदेव का मंत्र इस प्रकार हैं- 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:'।
- इसके अलावा सूर्यदेव का एक अन्य विशेष मंत्र भी है- 'ऊँ घृणिः सूर्याय नमः'।
- तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करने से ग्रहण के दौरान फैली निगेटिविटी का व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता है।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए?
- ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- घर के मंदिर में रखे सभी देवी-देवताओं की मूर्तियोंऔर चित्रों पर भी गंगाजल का छिड़काव करके स्नान कराएं।
- साथ ही सूर्य ग्रहण के बाद स्नान आदि से निवृत होकर दान अवश्य करें।
- सूर्य ग्रहण के बाद गाय को हरा चारा भी खिलाएं।
- ग्रहण के दौरान घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डाल दें। फिर ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक दें।
- इसके अलावा ग्रहण शुरू होने से पहले थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उस कपड़े और अनाज को आदर के साथ किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें । इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
सूतक काल
सूतक काल को अशुभ काल या दूषित काल माना जाता है। सूतक काल के दौरान भगवान की पूजा की मनाही होती है। साथ ही मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। इतना नहीं सूतक काल के दौरान खाना पीना भी वर्जित माना गया है। सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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