साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। इस दिन कन्या राशि में सूर्य और चंद्रमा के साथ ही केतु और बुध भी होंगे। चार ग्रहों की यह युति सभी राशियों के जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव डालेगी। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि, किन राशियों के लिए चार ग्रहों का यह मिलन शुभ साबित हो सकता है और इनके जीवन में कैसे बदलाव अक्टूबर के महीने में आ सकते हैं।
वृषभ
आपकी कई योजनाएं सूर्य ग्रहण के बाद पूरी हो सकती हैं। जिन चीजों के लेकर उलझन चल रही थी, वो भी अक्टूबर के महीने में सुलझ सकती हैं। आर्थिक पक्ष में मजबूती देखने को मिलेगी और संचित धन भी बढ़ सकता है। हालांकि आपको सही समय पर सही फैसले लेने होंगे। विद्यार्थियों के लिए भी अक्टूबर माह अच्छा रहा सकता है, शिक्षा क्षेत्र में आ रही परेशानियां गुरुजनों की मदद से दूर होंगी। कुछ विद्यार्थियों को बड़ी उपलब्धि इस दौरान हासिल हो सकती है। सेहत में भी अच्छे परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
वृश्चिक
आपके लिए चतुर्ग्रही योग नई संभावनाएं लेकर आएगा। अगर करियर क्षेत्र को लेकर परेशान थे तो हल आपको मिल सकता है। बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की भी संभावना है। सूर्य का तेज आपके अंदर आत्मविश्वास भरने का काम करेगा। एडवेंचरस कार्य करने वाले इस राशि के जातक, बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा अचानक से लाभ मिल सकता है। पारिवारिक जीवन में बड़े भाई-बहनों का आपको सहयोग प्राप्त होगा। विवाहित जातक अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा समय इस दौरान बिता सकते हैं। विदेश जाने का सपना देख रहे थे तो आपके ये सपना पूरा हो सकता है।
मकर
मकर राशि के प्रभाव क्षेत्र में इस महीने वृद्धि हो सकती है। बीते समय में जो मेहनत आपने की है उसका भी अच्छा रिजल्ट आप पाएंगे। जो लोग अपना काम शुरू करने का विचार बना रहे थे उनको भी सफलता इस दौरान मिल सकती है। निवेश से लाभ मिलने की संभावना है। अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करके आप सामाजिक स्तर पर भी ख्याति प्राप्त करेंगे। माता-पिता के साथ संबंधों में सुधार आएगा। पारिवारिक जीवन में खुशहाली लौटेगी। करियर क्षेत्र में आप नई ऊंचाइयां इस दौरान छू सकते हैं। जो भी कार्य आप अपने हाथ में लेंगे उसको बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे। आपको सहकर्मियों की भी खूब मदद आपको मिल सकती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-