Surya Grahan 2024: 2 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह ग्रहण इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर देर रात 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागरिय क्षेत्र, अटार्कटिका, आर्कटिक, अटलांटिक महासागर में नजर आएगा। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन फिर भी ग्रहण के दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए। बता दें कि हिंदू धर्म में ग्रहण का समय अशुभ माना गया है। ग्रहण के समय मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। तो आइए अब जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान और बाद में क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?
- सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए
- सूर्य ग्रहण को कभी भी सीधे आंखों से नहीं देखना चाहिए।
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।
- सूर्य के दौरान खाना नहीं बनाना चाहिए और न ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय सुई में धागा डालना, कुछ काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए।
- इसके अलावा ग्रहण के समय मंदिर के मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव का ध्यान करते हुए तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए। मंत्र है-ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: और ऊँ घृणिः सूर्याय नमः।
- इस प्रकार तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करने से ग्रहण के दौरान फैली निगेटिविटी का व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता है।
- सूर्य ग्रहण से पहले सभी पानी के बर्तन में, दूध और दही में कुश या तुलसी या दूब धोकर डाल दें। इसे ग्रहण के बाद ही निकालें।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?
- ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए
- घर के मंदिर में रखे सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों और चित्रों पर भी गंगाजल का छिड़काव करके स्नान कराना चाहिए।
- साथ ही सूर्य ग्रहण के बाद स्नान आदि से निवृत होकर दान अवश्य करें और गाय को हरा चारा खिलाएं।
- सूर्य ग्रहण के बाद स्नान आदि कर पूजा पाठ करने के बाद अन्न-धन का दान करें।
सूतक काल का समय
बता दें कि ग्रहण के दिन ग्रहण के सूतक काल का भी बहुत ध्यान रखना होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या 9 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के समय से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूतक काल में भी कोई मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस ग्रहण का सूतक काल 2 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 12 मिनट पर ही शुरू हो जाएगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
Navratri 2024: नवरात्रि से पहले लग रहा है सूर्य ग्रहण, जान लीजिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त