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Sheetala Ashtami: शीतला अष्टमी के दिन लोग क्यों खाते हैं बासी भोजन? जानें इसका धार्मिक महत्व और लाभ

Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी के दिन माता को बासी भोजन का भोग लगाने के साथ ही लोग खुद भी बासी खाना खाते हैं। शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन का क्या महत्व है, आइए जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Mar 19, 2025 12:20 IST, Updated : Mar 19, 2025 12:20 IST
Sheetala Ashtami 2025
Image Source : FILE शीतला अष्टमी 2025

Sheetala Ashtami 2025: शीतला अष्टमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसको बसोड़ा भी कहा जाता है। होली के बाद चैत्र माह में अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। उत्तर भारत के साथ ही राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है और उन्हें बासी खाने का भोग लगाया जाता है। यह पर्व 2025 में कब है और इस दिन का क्या महत्व है, आइए इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 

शीतला अष्टमी तिथि 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार, शीतला अष्टमी का त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में यह तिथि 22 मार्च को है। आइए अब जान लेते हैं कि शीतला अष्टमी के दिन लोग माता शीतला को बासी भोजन का भोग क्यों लगाते हैं और बासी भोजन क्यों खाते हैं। 

शीतला अष्टमी पर बासी भोजन क्यों किया जाता है?

शीतला अष्टमी का पर्व ऐसे समय में आता है जब गर्मी बढ़ने लग जाती है। मौसम में हो रहे बदलाव के कारण संक्रमण रोग हो सकते हैं, इसलिए इस समय बासी भोजन करना अच्छा माना जाता है। वहीं माता शीतला को भी इस दिन बासी भोजन का ही भोग लगता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन अतिप्रिय है। भारत में कई जगहों पर लोग इस दिन घर में चूल्हा भी नहीं जलाते और केवल बासी भोजन ही करते हैं। शीतला अष्टमी से पहले लोग पूड़ी, पकौड़े, कढ़ी, चने की दाल, हलवा आदि बना के रख देते हैं। इन्हीं चीजों का भोग भक्त माता शीतला को पूजा के बाद लगाते हैं और साथ ही इन चीजों का सेवन खुद भी करते हैं। ऐसे करने से भक्त माता शीतला के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।  

शीतला अष्टमी का धार्मिक महत्व

धार्मिक शास्त्रों में देवी शीतला को रोगों विशेष रूप से चेचक, खसरा और त्वचा संबंधी रोगों से रक्षा करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। इसलिए शीतला अष्टमी के दिन पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों को इन सब रोगों से मुक्ति मिलती है और साथ ही परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है।  

शीतला अष्टमी व्रत रखने के लाभ 

शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखने और माता की पूजा करने से आपको रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है। माता अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करने वाली मानी जाती हैं। इनके पूजा करने से चेचक, छोटी माता जैसे भयंकर रोग भी दूर हो जाते हैं। परिवार के लोगों को आरोग्य की प्राप्ति होती है और वो जीवन का आनंद ले पाते हैं। संक्रमण और बार-बार लगने वाली बीमारियों से भी माता भक्तों की रक्षा करती हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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