
शनि ग्रह न्याय के देवता हैं और इनकी कृपा अगर आप प्राप्त कर लेते हैं तो जीवन की कई परेशानियों से आपको मुक्ति मिल जाती है। शनिवार के दिन इनकी पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना गया है। इसके साथ ही शनि से संबंधित चीजों का दान भी इस दिन करना चाहिए। वहीं शनि के एक स्तोत्र का पाठ करना भी शनिवार को बेहद शुभ होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, दशा-महादशा का बुरा प्रभाव कम होता है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हिंदू शास्त्रों में कई विशेष मंत्रों का जिक्र किया गया है। पर उनमें से अधिक प्रभावशाली शनि स्तोत्र को माना जाता है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं शनि स्तोत्र...
शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें:
महाशिवरात्रि के बाद अस्त हो जाएंगे शक्तिशाली ग्रह शनि, इन राशियों की बढ़ने वाली है मुश्किलें
अंगूठे में चांदी की अंगूठी पहनने से क्या होता है?