Shani Margi 2023: शनि बीते 17 जनवरी 2023 की शाम 5 बजकर 47 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश किए थे। वहीं 17 जून की रात 10 बजकर 56 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हो गये थे यानि उल्टे गति से गोचर करने लगे थे। वहीं आज दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शनि कुंभ राशि में ही मार्गी हो जाएंगे यानि सीधी गति से गोचर करने लगेंगे। भारतीय ज्योतिष के अनुसार शनि, मकर और कुंभ राशि के स्वामी है। इनकी दिशा पश्चिम है, तो वहीं इनका तत्व वायु है। शनि एक शक्तिशाली ग्रह है जिसमें बाधा, विनाश और अवसाद की शक्ति भी है। शनि तपस्या, दीर्घायु, वृद्धावस्था, एकाग्रता, अनुशासन, प्रतिबंध सद्गति–दुर्गति और न्याय का प्रतिनिधित्व करता है। बता दें कि जब शनि का गोचर चंद्र राशि के आठवीं राशि में आता है, तो शनि की ढैय्या प्रारम्भ होती है, ढैय्या का अर्थ- ढाई वर्ष होता है। इस दौरान जो व्यक्ति तीर्थ यात्रा, स्नान और धर्म सम्बंधि कार्य करते हैं तो उन्हें शुभ फलो की प्राप्ति होती है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि शनि के कुंभ राशि में मार्गी गोचर से विभिन्न राशि वालों पर क्या प्रभाव होगा और शनि उनके किस स्थान पर गोचर करेंगे और उसके लिए क्या उपाय करने चाहिए।
मेष राशि-
शनि आपके ग्यारहवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान का संबंध हमारे आय तथा इच्छाओं की पूर्ति से होता है। शनि के इस गोचर के प्रभाव से आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। लेकिन आपको अपनीआय बढ़ाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। समाज में भी आपका मान बढ़ेगा। अगर आप कोई नया काम करने की सोच रहें है तो आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी। लिहाजा शनि के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- जरूरतमंद लोगों को आदरपूर्वक खाना खिलाएं।
वृष राशि-
शनि आपके दसवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का संबंध हमारे करियर, राज्य तथा पिता से होता है। शनि के इस गोचर से आपके पिता के व्यापार में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इस दौरान उनके स्वास्थ्य के ध्यान रखना होगा। इसके अलावा आपके जॉब या कार्यस्थल में व्यस्तता बढ़ने की सम्भावना है। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स- शनिश्चराय नम' इस मंत्र का 11 बार जप करें।
मिथुन राशि-
शनि आपके नवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के नौवें स्थान का संबंध हमारे भाग्य से होता है। चुकि शनि ही आपका भाग्येश है और वह अपनी ही राशि में ही गोचर करेगा। तो शनि के इस गोचर से आपके होने वाले कामों में गती आ जायेगी। अगर आप किसी नये बिजनेस की शुरुआत करने की सोच रहे है तो बड़ों की राय जरूर लें भाग्य का साथ जरूर मिलेगा। आर्थिक पक्ष से जुड़ी समस्या हल होंगी। लिहाजा शनि के शुभ स्थिति बनाये रखने के लिए- घर की छत पर कोई भी समान व्यर्थ में इक्ट्ठा न होने दें।
कर्क राशि-
शनि आपके आठवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के आठवें स्थान का संबंध हमरे आयु से है। शनि के इस गोचर से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। इसके अलावा आपको पिछले किसी बात का डर परेशान कर सकता है। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए- काली उर्द की दाल किसी धर्मस्थल पर दान करें।
सिंह राशि-
शनि आपके सातवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के सातवें स्थान का संबंध हमारे जीवनसाथी से है। शनि के इस गोचर से आपके दाम्पत्य रिश्ते अच्छे बने रहेंगे, लेकिन जीवनसाथी के भावनाओं की कद्र करें। इस दौरान शांत रहकर ठंडे दिमाग से काम लें। बेहतर होगा कि बिजनेस के कारोबार में सोच-समझकर फैसला लें। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए- भवन की दहलीज साफ रखें और उसकी पूजा करें।
कन्या राशि-
शनि आपके छठवें स्थान पर मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के छठे स्थान का संबंध हमारे मित्र, शत्रु तथा स्वास्थ्य से है। शनि के इस गोचर से आपके मित्र से किसी काम में सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुपक्ष आपको परेशान करने की कोशिश कर सकता है। पार्ट्नरशिप में कोई काम कर रहे हैं तो आपको उसमें सतर्क रहने कि जरुरत है। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए- नारियल या बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें।
तुला राशि-
शनि आपके पांचवें स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के पांचवे स्थान का संबंध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। शहर या देश से बाहर किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है। संतानपक्ष की ओर से कोई अच्छी खबर आपको मिलेगी। लवमेट के साथ अपना व्यवहार अच्छा रखें। तो शनि के शुभ स्थिति बनाये रखने के लिए- पैतृक घर की कोठरी में तांबे का घोड़ा स्थापित करें। .
वृश्चिक राशि-
शनि आपके चौथे स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का संबंध हमारे भवन, भूमि, वाहन तथा माता से है। शनि के इस गोचर से माता के स्वास्थ्य में सुधार आयेगा। अगर आप कोई नई जमीन लेने की सोच रहे हैं तो कुछ दिन रूक कर लें वरना परिणाम आपके इच्छा अनुसार नहीं होगा। लिहाजा शनि के अशुभ स्थिति से बचने के लिए- शनि की वस्तु जैसे काले कपड़े लोहे के बर्तन आदि का दान करें।
धनु राशि-
शनि आपके तीसरे स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान का संबंध हमारे पराक्रम, भाई-बहन तथा यश से है। शनि के इस गोचर से आप खुद को ताकतवर महसूस करेंगे। भाई-बहन के रिश्ते मजबूत होंगे, लेकिन जितना हो सके उनसे नोक-झोक एवॉएड करें। अपने यश और सम्मान को बनाये रखने के लिए आपको सकारात्मक विचार रखने होंगे। लिहाजा शनि के शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए- घर के मुख्य दरवाजे पर कील लगाएं।
मकर राशि-
शनि आपके दूसरे स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान का संबंध हमारे धन तथा स्वभाव से है। शनि के इस गोचर करने से आपकी इनकम बढ़ सकती है। जब आप किसी से बात करें तो आवश्यकता से अधिक न बोलें वरना आपके बातों का गलत मतलब निकाला जा सकता है। लिहाजा शनि के शुभ स्थिति बनाये रखने के लिए- मंदिर में दर्शन के लिए घर से नंगे पैर जाएं।
कुंभ राशि-
शनि आपके लग्न स्थान यानि पहले स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का संबंध हमारे शरीर तथा मुख से है। शनि के इस गोचर करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होंगी। अगर आप पढ़ाई कर रहे हैं तो कई रूकावटों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आप जितना मेहनत करेंगे, आपको उतना ही लाभ मिलेगा। अतः शनि के शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिए- तवा, चिमटा या अंगीठी का दान करें।
मीन राशि-
शनि आपके बारहवें स्थान में मार्गी होंगे। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का संबंध आपके व्यय तथा शय्या सुख से है। शनि के इस गोचर से आप शैय्या सुख का अनुभव करेंगे। अगर आप कई दिनों से किसी बात को लेकर परेशान चल रहे थे तो आप रिलैक्स महसूस करेंगे साथ ही आपको नींद अच्छे से आएगी। कोई नई स्कीम या ऑफर लेने से पहले सोच-समझकर कदम बढ़ाएं। लिहाजा शनि के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए- झूठ बोलने से बचे।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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