ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। साल 2024 में यह तिथि 6 जून को है। ऐसा माना जाता है कि शनि जयंती के दिन पूजा पाठ और दान का शुभ फल व्यक्ति को प्राप्त होता है। इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने से साढ़ेसाती, ढैय्या का बुरा प्रभाव भी कम होने लगता है। दान-पुण्य, पूजा-पाठ के साथ ही इस दिन मंत्रों का जप करके भी आप शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको शनि जयंती के दिन किए जाने वाले कुछ प्रभावशाली मंत्रों के बारे में अपने इस वीडियो में जानकारी देंगे।
शनि जयंती के दिन इन मंत्रों के जप से मिलेगा लाभ
- ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।। शनि जयंती के दिन अगर आप इस मंत्र का जप करते हैं तो हर प्रकार के रोग से आपको मुक्ति मिल सकती है। यह मंत्र शनि देव की क्रूर दृष्टि से भी आपको बचाता है।
- ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥यह शनि देव का महामंत्र है। इस मंत्र का जप अगर आप शनि जयंती के दिन करते हैं तो शनि की दशा, महादशा, साढ़ेसाती, ढैय्या आदि का बुरा प्रभाव कम हो जाता है। यह मंत्र आपके जीवन में खुशहाली लाने वाला भी माना जाता है।
- ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
यह शनि गायत्री मंत्र है। इसका जप करने से आपको मानसिक परेशानियों से झुटकारा मिल सकता है और साथ ही जीवन में नई ऊंचाइयों को आप प्राप्त कर सकते हैं।
- ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
ये शनि देव का बीज मंत्र है। इस मंत्र का आप शनि जयंती के दिन जितना अधिक जप करते हैं उतने ही आपके जीवन में समस्याएं कम आती है। जो काम लंबे समय से अटके हुए थे वो भी इस मंत्र का जप करने से पूरे हो सकते हैं।
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ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
शनि देव को भगवान शिव का परम भक्त माना जाता है। इसलिए शनि जयंती के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करके भी आप लाभ पा सकते हैं। शिव मंत्रों का जप करना शनि देव को प्रसन्न करता है और इससे आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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