Shani Dev Aarti: सप्ताह का शनिवार का दिन भगवान शनि देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य पुत्र शनि देव की आराधना करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ व्यक्ति पर शनि देव की कृपा बनी रहती है। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। कहते हैं को शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि देव की कुदृष्टि राजा को रंक बना सकती है। वहीं जिनपर शनि देव की कृपा दृष्टि पड़ती है वो रंक से राजा बन सकता है। ऐसे में शनि देव को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति को अपने कर्मों को ठीक रखने के साथ ही शनिवार के दिन शनि देव को सरसों तेल और तिल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने के साथ ही शनि देव की आरती भी अवश्य करें। ऐसा करने से आपको पूजा का उत्तम फल मिलेगा।
शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
जय जय श्री शनिदेव...
श्याम अंग वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
जय जय श्री शनिदेव...
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
जय जय श्री शनिदेव...
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
जय जय श्री शनिदेव...
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
जय जय श्री शनिदेव...
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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