Hast Rekha Shastra: सामुद्रिक शास्त्र भी वैदिक ज्योतिष की तरह हमारे भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में बताता है। सामुद्रिका शास्त्र में शरीर की बनावट या हाथों की रेखा को देख कर जीवन के निकट भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। यह विद्या बहुत गूढ़ मानी जाती है। सामुद्रिक शास्त्र के संदर्भ में जब हस्त रेखा विशलेषण की बात होती है। तो उसमें हाथों की रेखाओं और हथेली में बने चिह्न से व्यक्ति के भविष्य में झांक कर देखा जा सकता है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उसके साथ अब क्या होने वाला है और उसका जीवन आगे कैसे बीतेगा। आइए आज हम आपको को हाथ की रेखाओं के बीच छिपे एक ऐसे निशान के बारे में बातने जा रहे हैं यदि यह आपकी हथेली में है तो समझ लीजिए आप अताह धन के मालिक होंगे। आपके घर धन के भंडार हमेशा के लिए भरे रहेंगे।
यहां होता है मनी ट्राएंगल
सामुद्रिका शास्त्र के अनुसार महिलाओं के उल्टे हाथ और पुरुषों के सीधे हाथ को देखा जाता है। आज हम आपको हथेली में बने एक ऐसे चिह्न के बारे में बता रहे हैं। जो यह बताने में सक्ष्म है कि जीवन में आपको कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी। हस्तरेखा की बात करें तो भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा के मध्य में यदि त्रिकोण बना है यानी ट्रांएगल बना है। तो समझ लीजिए की आपको जीवन भर धन की कमी नहीं रहेगी। ऐसे लोग निश्चित ही बड़े धन के मालिक बनते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान दें कि भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा को जोड़ते हुए यह ट्राएंगल बनना चाहिए। हथेली की इन लकीरों के बीच बनने वाले इस त्रिभुज को मनी ट्राएंगल कहा जाता है।
जितना साफ मनी ट्राएंगल उतना ज्यादा बनाता है धनवान
सामुद्रिका शास्त्र में यह बताया गाया है कि जितना स्पष्ट यह ट्रांएगल होगा उतना ही अधिक व्यक्ति अपने जीवन में धनवान होगा या निकट भविष्य में बनेगा। सामुद्रिका शास्त्र के अनुसार मनी ट्राएंगल की आकृति जितनी बड़ी होगी उतना ही अधिक व्यक्ति अपने जीवन में धन अर्जित करेगा। एक मुख्य बात इस त्रिभुज की यह भी है कि जिसके भी हाथ में यह निशान बना होता है। वह कभी भी निर्धन नहीं होता और पैसे संचित करने की क्षमता ऐसे लोगों की प्रबल होती है। सामुद्रिका शास्त्र यह भी कहता है कि यह त्रिभुज जिन लोगों के हाथ में बना होता है उनका धन कभी नष्ट नहीं होता हमेशा और उनका बैंक बैलेंस अच्छा बना रहता है।
मनी ट्राएंगल कब नहीं देता है धन
हथेली में बना त्रिभुज जो धन का सूचक होता है वह सिर्फ भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीचों-बीच में होना चाहिए। यह त्रिकोण कहीं से भी अधूरा या कोई अन्य रेखा इसे न काट रही हो। तभी यह धन प्राप्ति के लाभ में साहयक होता है। अन्यथा इसका परिणाम नहीं मिलता। जितना स्पष्ट यह त्रिकोण होगा उनता ही यह लाभकारी साबित होगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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