
Rang Panchmi 2025: रंग पंचमी का पावन त्योहार होली से पांच दिन बाद मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी मनाई जाती है। साल 2025 में यह पर्व 19 मार्च को मनाया जाएगा। माना जाता है कि यह देवी-देवताओं की होली का दिन है। इसीलिए देवी-देवताओं की पूजा करने से और उन्हें रंग-गुलाल अर्पित करने से इस दिन शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिन्हें रंग पंचमी के दिन करना आपके भाग्य को जगा सकता है। आज हम आपको इन्हीं उपायों के बारे में जानकारी देंगे।
धन-धान्य और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए उपाय
अगर आप रंग पंचमी के दिन केसर और हल्दी मिलाकर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो शुभ फलों की आपको प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन घर के मुख्य दरवाजे पर आपको गुलाल छिड़कना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन “ॐ श्रीं श्रीये नमः” मंत्र का जप करने से भी आपको सोया भाग्य जागता है।
नकारात्मक को दूर करने और शत्रुओं पर विजय पाने के लिए उपाय
अगर आपको घर या अपने अंदर नकारात्मकता महसूस होती है तो रंग पंचमी के दिन हनुमान जी को गुलाल अर्पित करें और उसके बाद “ॐ हं हनुमंते नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यह उपाय आपको शत्रुओं पर विजय दिलाता है।
दांपत्य जीवन में सुख-शांति के लिए उपाय
अगर आप दांपत्य जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो रंग पंचमी के दिन आपको अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर राधा-कृष्ण के चरणों में गुलाल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। इसके साथ ही चंद्रमा को इस दिन दूध, गुलाल अर्पित करने से भी प्रेम का रिश्ता मजबूत होता है।
करियर में सफलता के लिए उपाय
कारोबारियों को इस दिन अपनी ऑफिस में माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और साथ ही कार्यस्थल पर गुलाल छिड़कना चाहिए। इसके साथ ही ऑफिस के ईशान कोण में इस दिन दीपक जलाने से भी शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। वहीं नौकरी पेशा लोगों को इस दिन अनाज, मिठाई और वस्त्र आदि दान करने चाहिए।
संतान सुख की प्राप्ति के लिए उपाय
अगर आप संतान सुख पाना चाहते हैं तो आपको लड्डू गोपाल को इस दिन गुलाल और मिश्री अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही रंग, फल आदि दान करना चाहिए। इससे आपको योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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