रामायण भगवान राम की पुण्य कथा है और भारत में धार्मिक दृष्टि से इस पुस्तक का बड़ा महत्व है। भारत के साथ ही कई अन्य देश भी हैं जहां रामायण को बहुत महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथ माना जाता है। यहां तक कि कुछ देशों में इसे राष्ट्रीय पुस्तक का दर्जा भी दिया गया है। ये देश कौन-कौन से हैं आइए जानते हैं।
थाइलैंड की राष्ट्रीय पुस्तक है रामायण
थाइलैंड में रामायण को राष्ट्रीय पुस्तक का दर्जा प्राप्त है। थाई भाषा में रामायण को राम-कियेन के नाम से जाना जाता है, इसका अर्थ है राम की कीर्ति। थाई साहित्य और संस्कृति पर रामायण का गहरा छाप है। यहां तक की थाई राजा को विष्णु का अवतार माना जाता है और राजा को यहां राम भी कहा जाता है। शायद यही वजह है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड़ थाइलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न भी है। यह देश बौद्ध धर्म बहुल है लेकिन इसके बावजूद भी भगवान राम में थाईलैंड के निवासियों की अटूट आस्था है। यहां आज भी राम का गुणगान और उनकी लीलाओं का मंचन किया जाता है।
इंडोनेशिया का राष्ट्रीय काव्य है रामायण
इंडोनेशिया में 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है इसके बावजूद भी यहां रामायण को राष्ट्रीय काव्य ग्रंथ का दर्जा दिया गया है। इंडोनेशिया में होने वाली रामायण भी विश्व प्रसिद्ध है। इंडोनेशिया दुनिया का वो पहला देश है जिसने 1973 में अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन किया था। इस देश में रामायण को लेकर दिवानगी भारत से कम नहीं है, यहां भी रामायण का मंचन बड़ी संख्या में किया जाता है। यहां की एयरलाइंस का लोगो गरुड़ है वहीं इस देश की करेंसी नोट पर भगवान गणेश की फोटो है।
बर्मा में अनौपचारिक रूप से रामायण है राष्ट्रीय महाकाव्य
भारत का पड़ोसी मुल्क बर्मा जिसे म्यान्मार और म्यन्मा नाम से भी जाना जाता है, वहां भी रामायण को अनौपचारिक रूप से राष्ट्रीय महाकाव्य मानते हैं। बर्मा में रामायण को यमयान के नाम से जाना जाता है। भगवान राम को यहां यम और माता सीता को मी थीडा पुकारा जाता है।
मलेशिया में रामायण
मलेशिया में भी रामायण बहुत प्रसिद्ध है। यहां रामायण को हिकायत सेरी राम के नाम से जाना जाता है। मलेशिया की रामायण की कहानी भारत की रामायण से बहुत मिलती जुलती है हालांकि पात्रों के नाम भाषा के अनुसार थोड़े बदल गये हैं।
इन देशों में भी रामायण का खास स्थान
इन देशों के अलावा भारत के नेपाल, कंबोडिया, जावा, चीन में भी रामायण का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। हालांकि चीन में रामायण से जुड़ी कहानियां धीरे-धीरे प्रचलन से हट रही हैं, लेकिन अन्य देशों में आज भी रामायण को धार्मिक ही नहीं सांस्कृतिक धरोहर भी माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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