Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. पितरों का श्राद्ध करने से पहले जान लें जरूरी नियम, वरना पूर्वजों का नहीं मिलेगा आशीर्वाद, पितृ भोजन भी नहीं करेंगे ग्रहण

पितरों का श्राद्ध करने से पहले जान लें जरूरी नियम, वरना पूर्वजों का नहीं मिलेगा आशीर्वाद, पितृ भोजन भी नहीं करेंगे ग्रहण

Shradh Rules: पितृ पक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति मिलती है। पूर्वज खुश होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। लेकिन श्राद्ध के समय कई ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Published : Oct 03, 2023 16:56 IST, Updated : Oct 03, 2023 16:56 IST
Shradh Niyam
Image Source : INDIA TV Shradh Niyam

Shradh Niyam: भविष्य पुराण के अनुसार कुल बारह प्रकार के श्राद्ध होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं- पहला नित्य, दूसरा नैमित्तिक, तीसरा काम्य, चौथा वृद्ध, पांचवा सपिंडित, छठा पार्वण, सातवां गोष्ठ, आठवां शुद्धि, नौवां कर्मांग, दसवां दैविक, ग्यारहवां यात्रार्थ और बारहवां पुष्टि। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन जरूर करवाना चाहिए। जो व्यक्ति बिना ब्राह्मण को भोजन कराये श्राद्ध कर्म करता है, उसके घर में पितर भोजन ग्रहण नहीं करते और ऐसा करने से व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

श्राद्ध से एक दिन पहले ही ब्राह्मण को खाने के लिए निमंत्रण दे आना चाहिए और अगले दिन खीर, पूड़ी, सब्जी और अपने पितरों की कोई मनपसंद चीज और एक मनपसंद सब्जी बनाकर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए। आपके जिस भी पूर्वज का स्वर्गवास है, उसी के अनुसार ब्राह्मण या ब्राह्मण की पत्नी को निमंत्रण देकर आना चाहिए। जैसे अगर आपके स्वर्गवासी पूर्वज एक पुरुष हैं, तो पुरुष ब्राह्मण को और अगर महिला है तो ब्राह्मण की पत्नी को भोजन खिलाना चाहिए । साथ ही ध्यान रखें कि अगर आपका स्वर्गवासी पूर्वज कोई सौभाग्यवती महिला थी तो किसी सौभाग्यवती ब्राह्मण की पत्नी को ही भोजन के लिए निमंत्रण देकर आएं। तो चलिए आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि पितरों का श्राद्ध करते समय किन चीजों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। 

श्राद्ध के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • श्राद्ध कार्य दोपहर के समय करना चाहिए और अपनी भूमि पर या किसी पवित्र स्थान पर करना चाहिए।
  • श्राद्धकर्म में गाय का घी, दूध या दही काम में लेना बेहतर होता है।
  • श्राद्ध में तुलसी व तिल का प्रयोग करना चाहिए।
  • श्राद्ध के दौरान हो सके तो चांदी के बर्तनों का उपयोग व दान करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को भी चांदी के बर्तनों में भोजन कराना चाहिए।
  • ब्राह्मण को खाना खिलाते समय दोनों हाथों से खाना परोसें और ध्यान रहे श्राद्ध में ब्राह्मण का खाना एक ब्राह्मण को ही दिया जाना चाहिए। 
  • श्राद्ध में पितरों की तृप्ति केवल ब्राह्मणों द्वारा ही होती है । अतः श्राद्ध में ब्राह्मण का भोजन एक सुपात्र ब्राह्मण को ही कराएं। 
  • भोजन कराते समय ब्राह्मण को आसन पर बिठाएं। आप कपड़े, ऊन, कुश या कंबल आदि के आसन पर बिठाकर भोजन करा सकते हैं
  • ध्यान रहे कि आसन में लोहे का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। 
  • भोजन के बाद ब्राह्मण को अपनी इच्छा अनुसार कुछ दक्षिणा और कपड़े आदि भी देने चाहिए। 
  • श्राद्ध के दिन बनाए गए भोजन में से गाय, देवता, कौओं, कुत्तों और चींटियों के निमित भी भोजन जरूर निकालना चाहिए।
  • ब्राह्मण आदि को भोजन कराने के बाद ही घर के बाकी सदस्यों या परिजनों को भोजन कराएं।
  • एक ही नगर में रहने वाली अपनी बहन, जमाई और भांजे को भी श्राद्ध के दौरान भोजन जरूर कराएं। ऐसा न करने वाले व्यक्ति के घर में पितरों के साथ- साथ देवता भी भोजन ग्रहण नहीं करते।
  • श्राद्ध के दिन अगर कोई भिखारी या कोई जरूरमंद आ जाए तो उसे भी आदरपूर्वक भोजन जरूर कराना चाहिए। 
  • श्राद्ध के भोजन में जौ, मटर, कांगनी और तिल का उपयोग श्रेष्ठ रहता है। तिल की मात्रा अधिक होने पर श्राद्ध अक्षय हो जाता है। कहते हैं तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं । साथ ही श्राद्ध के कार्यों में कुशा का भी महत्व है।

श्राद्ध के दौरान इन चीजों की होती है मनाही

श्राद्ध के दौरान चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला नमक, लौकी, बड़ी सरसों, काले सरसों की पत्ती और बासी अन्न निषेध है। आपको इन सब बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

ये भी पढ़ें-

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement