Pitru Paksha Pitra Dosh Upay: पितृ दोष सबसे बड़ा दोष माना गया है। जिस भी व्यक्ति के कुंडली में पितृ दोष रहता है उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि कुंडली का नौंवा घर धर्म का होता है। यह घर पिता का भी माना गया है । यदि इस घर में राहु, केतु और मंगल अपनी नीच राशि में बैठे हैं तो यह इस बात का संकेत है कि आपको पितृ दोष है। पिंड दान और श्राद्ध नहीं करने वाले लोगों के संतान की कुंडली में भी पितृ दोष का योग बनता है और अगले जन्म में वह भी पितृ दोष से पीड़ित होता है। पितृ दोष के कारण जातक को मानसिक पीड़ा, अशांति, धन की हानि, गृह-क्लेश जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पितृ दोष में पिंड दान और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मुक्ति मिलने के साथ ही आपका भागयोदय भी होता है साथ ही सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अगर पितृ पक्ष के दौरान इन मंत्रों का जाप करते हैं तब भी आपको पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है। बता दें कि पितृ पक्ष के दिनों में पितर धरती पर अपने परिवार से मिलने आते हैं। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान उन्हे प्रसन्न करने वाले कार्य करने चाहिए। उन कार्यों को गलती से भी न करें जिनसे पितर नाराज हो।
पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृ पक्ष के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
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ॐ पितृ देवताभ्यो नमः
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ॐ श्री पितृभ्यः नमः
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ओम श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
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ओम प्रथम पितृ नारायणाय नमः.
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ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
पितृ पक्ष 2024
इस साल 17 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ हो चुका है जो कि 2 अक्टूबर को समाप्त होगा। पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बरसती है। वहीं बता दें कि जिनका स्वर्गवास जिस तिथि को हुआ हो, श्राद्ध के इन सोलह दिनों के दौरान उसी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। पितृ पक्ष में दान का भी विशेष महत्व बताया गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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