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ब्रज में बसंत पंचमी से शुरू हो जाती है होली, 40 दिन तक चलता है फाग महोत्सव

Phag Festival: बसंत पंचमी से मथुरा-वृंदावन में 40 दिवसीय होली की शुरुआत हो चुकी है। ब्रज की होली की धूम देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रहती है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jan 27, 2023 20:46 IST, Updated : Jan 27, 2023 20:46 IST
mathura holi
Image Source : FREEPIK फाग महोत्सव शुरू 2023

Phag Mahotsav 2023: ब्रज की होली भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां की होली देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। उस समय मथुरा, वृंदावन समेत पूरा ब्रज कृष्ण-राधा के मोहब्बत के रंग के साथ होली के गुलालों से रंगा होता है। लेकिन आपको बता दें कि होली से पहले भी ब्रज अबीर-गुलाल में सराबोर रहता है। दरअसल, बसंत पंचमी के पावन मौके से यहां फाग महोत्सव की शुरुआत होती है, जो कि 40 दिन तक चलता है। तो आइए जानते हैं किस महोत्सव के बारे में।

ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन प्रात: काल ठाकुर जी की श्रृंगार आरती की जाती है। इसके बाद  ही मंदिर में रंग और गुलाल उड़ाकर होली की शुरुआत की जाती है। ब्रज में 40 दिन की होली की शुरुआत हो जाती है।

मान्यता है कि बसंत पंचमी से ही होली की शुरुआत हो जाती है। ब्रज में भी इसी दिन से होली महोत्सव शुरू हो चुका है। बसंत पंचमी के मौके पर बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में अबीर-गुलाल की बौछार की गई। वहीं वृंदावन के बांके बिहार मंदिर में कान्हा जी का बसंती श्रृंगार और उन्हें गुलाल की फेंट बांधने की परंपरा है। साथ ही ठाकुरजी के चरणों में गुलाल भी अर्पित किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, बसंत पंचमी से ही ब्रज में होली महोत्सव की शुरुआत हो जाती, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटकों का आगमन शुरू हो जाता है।

बांके बिहारी मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर गुरुवार को ठाकुरजी को बसंती पोशाक पहनाई गई और श्रृंगार आरती के बाद सेवायत होली का ऐलान किया गया। कृष्णा जी को गुलाल लगाने के बाद ठाकुरजी की ओर से सेवायत श्रद्धालुओं पर गुलाल की बौछार किया गया। 

ब्रज की होली में होली गीत, पद गायन की प्राचीन परंपरा है, जिसे समाज गायन भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक, बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में गुरुवार से ब्रजभाषा में रोजाना ठाकुरजी के समक्ष होली पदों का गायन किया जाएगा। गोस्वामीजन समाज गायन के दौरान आपस में एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)

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