आज रात 10 बजकर 27 मिनट तक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में कुल 27 नक्षत्र स्थित होते हैं। उन्हीं नक्षत्रों में से एक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र है। गिनती के आधार पर ये बारहवां नक्षत्र है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह विश्राम के लिए प्रयोग की जाने वाली चारपाई अथवा बेड के पिछले दो पायों को माना जाता है। इस नक्षत्र का पहला चरण सिंह राशि में आता है, जबकि इसके बाकी तीन चरण कन्या राशि में आते हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्यदेव हैं। इसके अलावा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का संबंध पाकड़ के पेड़ से बताया गया है। कहीं-कहीं पर स्थानीय भाषा में इस पेड़ को पकड़िया के नाम से भी जाना जाता है। जिन लोगों का जन्म उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में हुआ हो उन लोगों को आज के दिन पाकड़ के पेड़ के दर्शन करने चाहिए और उसके सामने दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए।
इन गुणों से होते हैं भरपूर
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोग प्रेमी, मिलनसार होते हैं। सबको साथ लेकर चलने की कला इनके अंदर बहुत होती है। किसी का कष्ट देखकर यह स्वयं दुखी हो जाते हैं इसलिए यह बहुत मददगार होते हैं और मुसीबत में लोगों के काम आने वाले होते हैं। जैसे दो लोग विवाद कर रहे हो तो विवाद को खत्म कराने का पूरा प्रयास करेगें। यह प्रयास करेगा कि दोनों लोग हाथ मिलाए, गले मिले और प्रेम के साथ गिले-शिकवे दूर करें।
ये अवगुण पड़ता है भारी
ऐसे लोग अपना विरोध नहीं सुन पाते हैं। यदि कहीं इनके विरुद्ध कोई बात हो रही हो तो यह बहुत क्रोधित हो जाते हैं। इनको अपने पारिवारिक जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। ऐसे लोगों को महिलाओं को शत्रु नहीं बनाना चाहिए। अन्यथा लोक लाज की हानि हो सकती है।