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क्या पत्नी की कुंडली से पति के जीवन पर भी पड़ता है प्रभाव? कैसे पता चलता है कि आपका पार्टनर कैसा होगा, जानें

विवाह से पहले कुंडली मिलान का महत्व क्या है और आपकी कुंडली आपके पार्टनर के बारे में क्या बताती है, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Updated on: May 04, 2024 8:21 IST
Marriage - India TV Hindi
Image Source : FILE Marriage

ज्योतिषशास्त्र की मानें तो बिना कुंडली मिलाए कभी भी किसी की शादी नहीं करनी चाहिए। कुंडली मिलान से पति-पत्नी के बीच संबंध कैसे रहेंगे इसके बारे में काफी कुछ जानकारियां मिल जाती हैं। साथ ही ये भी पता चलता है कि रिश्ता कितना मजबूत होगा। सिर्फ यही नहीं पत्नी की कुंडली से पति के जीवन पर और पति की कुंडली से पत्नी के जीवन पर भी अच्छा-बुरा प्रभाव पड़ता है। कैसे आपके जीवनसाथी की कुंडली आपके जीवन को प्रभावित करती है आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 

पत्नी की कुंडली का पति के जीवन पर असर

आपकी कुंडली में सातवां घर आपके जीवनसाथी को दर्शाता है, ऐसे में अगर सातवें घर की स्थिति शुभ है उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि है या फिर उस घर में शुभ ग्रह विराजमान हैं तो आपका जीवनसाथी जीवन में सफलताएं पाएंगा। पत्नी की कुंडली में अगर ऐसी स्थिति बनी है तो शादी के बाद पति को अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं सातवां घर अगर शुभ स्थिति में नहीं है तो पति का जीवन अव्यवस्थित हो सकता है। इसके साथ ही पत्नी की कुंडली में बृहस्पति और मंगल ग्रह पति के बारे में काफी कुछ बताते हैं, अगर ये दोनों ग्रह कन्या की कुंडली में शुभ हैं तो उसे अच्छा पति मिलेगा जो उसको समझेगा। इसके साथ ही इन दोनों ग्रहों की शुभ स्थिति पति को लाभ भी दिलाएगी। वहीं इन दोनों ग्रहों पर अगर बुरे प्रभाव देखने को मिलते हैं तो पति को शादी के बाद समस्याएं आ सकती हैं। कन्या की कुंडली में अगर सूर्य ग्रह कमजोर हो तो पति को करियर के क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए स्त्री की कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति को देखना बेहद आवश्यक हो जाता है। 

पति की कुंडली का पत्नी के जीवन पर असर 
पति की कुंडली में शुक्र को पत्नी का कारक माना जाता है अगर किसी पुरुष की कुंडली में ये ग्रह अशुभ है तो वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है। वहीं शुक्र की शुभ स्थिति वैवाहिक जीवन में संतुलन लेकर आती है। शुक्र पर अन्य शुभ ग्रहों का प्रभाव जातक को वैवाहिक जीवन में सफलता दिलाता है। शुक्र के साथ ही चंद्रमा की स्थिति और मंगल दोष देखना भी अति आवश्यक होता है। अगर चंद्रमा मजबूत है तो स्त्री का मन सही दिशा में लगेगा, अपने पार्टनर के प्रति वो वफादार होगी। मंगल के मजबूत होने पर पति-पत्नी के संबंध अच्छे बने रहेंगे। 

कैसे पता चलेगा आपका पार्टनर कैसा होगा
अगर किसी पुरुष की कुंडली में चंद्रमा और शुक्र शुभ स्थानों में हैं, इनपर किसी पाप ग्रह की दृष्टि नहीं है तो पत्नी का स्वभाव अच्छा होगा और वो हमेशा पति का साथ देगी। वहीं किसी स्त्री की कुंडली में शुक्र, गुरु और मंगल शुभ हैं तो उसका विवाहित जीवन अच्छा रहेगा। आपके पार्टनर का सप्तम भाव जितना शभु होता है उतनी ही शुभता वैवाहिक जीवन में भी देखने को मिलती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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