शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन 9 अक्टूबर 2024 को है। इस दिन माता कालरात्रि की पूजा-आराधना की जाती है, जो माता दुर्गा का सप्तम स्वरूप हैं। माता कालरात्रि को भय और रोगों से मुक्ति देने वाली मां के रूप में जाना जाता है। अगर आप नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा-आराधना ना भी कर पाएं, तो इस दिन कुछ देर एकांत में बैठकर आपको माता कालरात्रि के मंत्रों का जप करना चाहिए। मंत्रों के जप से माता कालरात्रि का आशीर्वाद तो आपको मिलता ही है, साथ ही मानसिक और शारीरिक शक्ति भी आप पाते हैं।
नवरात्रि के सातवें दिन करें इन मंत्रों का जप
1. ध्यान मंत्र:
“एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥”
यह माता कालरात्रि का ध्यान मंत्र है। इस मंत्र का जप करने से आपको हर तरह के भय से मुक्ति मिलती है। साथ ही बड़े से बड़ा रोग भी इस मंत्र का जप करने से दूर हो सकता है।
2. स्तोत्र मंत्र:
“या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”
यह मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। इसका निरंतर जप करने से जीवन में आपको सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। माता का यह मंत्र आपके आत्मिक ज्ञान को भी बढ़ाता है। अध्यात्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों को भी इस मंत्र का जप करने से उन्नति प्राप्त होती है।
3.बीज मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः॥”
यह सरल और आसान बीज मंत्र माता कालरात्रि की असीम कृपा का स्रोत है। इस मंत्र का जप आप नवरात्रि के सातवें दिन करते हैं, तो माता आप की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। इस मंत्र का कम से कम 108 बार आपको जप अवश्य करना चाहिए।
4. कवच मंत्र:
“ॐ कालरात्रि महाकाली, कपालि करालिनी।
धर्म पाप नाशिन्यै, रक्षं देहि सदा शिवे॥”
माता के इस मंत्र का जप करने से आपको आरोग्य की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आपको एकाग्रता प्रदान करता है और आपके ज्ञान को बढ़ाता है। इन मंत्रों के अलावा कुछ अन्य मंत्र भी हैं जिनका जप आप नवरात्रि के सातवें दिन कर सकते हैं। यह मंत्र नीचे दिए गए।
माता के यह मंत्र भी हैं चमत्कारी
- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ कालरात्रि दैव्ये नम:।।
- ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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