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30 अक्टूबर को मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और कथा

साल 2024 में नरक चतुर्दशी का त्योहार 30 अक्टूबर को है, इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब होगा और पूजा विधि क्या है, आइए इस बारे में जानते हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Oct 29, 2024 20:17 IST, Updated : Oct 29, 2024 20:17 IST
Narak Chaturdashi 2024
Image Source : SOCIAL नरक चतुर्दशी 2024

नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीपावली या रूप चौदस भी कहा जाता है, दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। साल 2024 में नरक चौदस का त्योहार 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन को विशेष पूजा और स्नान के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, जिसका उद्देश्य बुरी ऊर्जा को दूर करना और पवित्रता प्राप्त करना होता है। यह दिन भगवान कृष्ण और नरकासुर के वध से भी जुड़ा हुआ है। हालांकि इस दिन माता काली, शिव जी, हनुमान जी और यमदेव की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा, पूजा विधि क्या है और इस दिन से जुड़ी कथा के बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।

नरक चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त 

नरक चतुर्दशी का त्योहार इस बार 30 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस दिन शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 5 बजकर 41 मिनट से 7 बजे तक रहेगा। वहीं अभ्यंग स्नान चतुर्दशी तिथि में 31 अक्टबर को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 47 मिनट के बीच किया जाएगा। 

पूजा विधि:

प्रातः स्नान: प्रातः काल सूर्योदय से पहले उबटन और तिल के तेल से इस दिन स्नान करें। इस दिन सुबह जल्दी उठने से और स्नान करने से कई तरह के शुभ फल आपको प्राप्त होते हैं। 

दीप जलाना: स्नान के बाद घर के मुख्य द्वार पर और अन्य स्थानों पर दीप जलाएं। ऐसा करने से  नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में आप कामयाब होते हैं। साथ ही दीप जलाने से भगवान के साथ ही आपके पितृ भी प्रसन्न होते हैं। 

भगवान की पूजा: इस दिन पूजा स्थल पर दीप, अगरबत्ती आदि जलाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण, माता काली और यमराज की पूजा करें। नरकासुर के वध में श्रीकृष्ण ने देवी काली का आह्वान किया था। यमराज के लिए एक दीपक जलाकर घर के बाहर रख दें, जिसे यम दीप कहते हैं।

नैवेद्य अर्पित करें:   पूजा के दौरान मिठाई, फल, और अन्य प्रसाद देवी-देवताओं को अवश्य अर्पित करें।

प्रार्थना और मंत्र: भगवान से पापों से मुक्ति की प्रार्थना करें। संपूर्ण परिवार के कल्याण के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण करें। आप भगवान कृष्ण, माता काली, हनुमान जी के मंत्रों का जप कर सकते हैं। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी इस दिन विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। 

नरक चतुर्दशी की कथा

कथाओं के अनुसार, नरकासुर नाम का एक राक्षस था, जिसने अपने अत्याचारों से पृथ्वी पर आतंक मचा रखा था। उसने 16,000 कन्याओं को बंदी बना लिया था और अनेक ऋषि-मुनियों को परेशान कर रखा था। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ नरकासुर का वध किया और उन कन्याओं को मुक्त कराया। कहा जाता है कि इस दिन नरकासुर का वध हुआ था और इसीलिए इसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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