मृत्यु एक शाश्वत सत्य है। जिसने जन्म लिया है वो जीवन की यात्रा को पूरा करने के बाद शरीर को त्यागता ही है। मृत्यु के बाद उस व्यक्ति की यादें और उससे जुड़ी चीजें ही हमारे पास रह जाती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आपको मृत व्यक्ति की चीजों को इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। शास्त्रों में इस बारे में क्या कुछ लिखा है आइए जानते हैं विस्तार से।
मृत व्यक्ति के गहने पहनने चाहिए या नहीं
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि, मृत व्यक्ति के गहने धारण नहीं करने चाहिए। इन गहनों को आप यादगार के रूप में अपने पास रख सकते हैं लेकिन उन्हें पहनकर मृत व्यक्ति की आत्मा आपकी ओर आकर्षित हो सकती है, उन्हें माया का बंधन तोड़ने में मुश्किलें हो सकती हैं। हालांकि मृत्यु से पहले अगर किसी ने अपने गहने आपको भेंट स्वरूप दिए हों तो आप उन्हें धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही मृत व्यक्ति के गहनों को नया रूप देकर यानि उन्हें पिघलाकर और फिर से उन्हें नए डिजाइन में ढालकर भी पहना जा सकता है।
मृत व्यक्ति के कपड़ों को पहनना सही या गलत
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत व्यक्ति के कपड़े गलती से भी आपको धारण नहीं करने चाहिए। कपड़ों पर भी जीवात्मा आकर्षित होती है, खासकर घर के सदस्य मृत व्यक्ति के कपड़ों को पहनते हैं तो बुरा असर हो सकता है। इसके कारण मृत व्यक्ति की आत्मा आसानी से मोह के बंधनों को नहीं तोड़ पाती और भटकती रहती है। मृतक के कपड़ों को पहनकर आप पर पितृदोष भी लग सकता है। इसलिए मृतक के करीबी लोगों को इन कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए। हालांकि आप अनजान लोगों को ये कपड़े भेंट कर सकते हैं या दान में इन कपड़ों को दे सकते हैं।
मृतक से जुड़ी अन्य चीजों का क्या करें
आपको मृतक से जुड़ी अन्य चीजों को या तो यादगार के रूप में कहीं सहेज लेना चाहिए या फिर किसी को दान कर देना चाहिए। मृतक की घड़ी को गलती से भी आपको कभी पहनना नहीं चाहिए, ऐसा करना भी पितृदोष का कारण बन सकता है। जिस कंघी, दाढ़ी बनाने के सामान, साज-सज्जा के सामान या प्रतिदिन में काम आने वाली चीजों को मृतक इस्तेमाल करता था उन्हें भी दान में दे देना चाहिए या फिर नष्ट कर देना चाहिए। माना जाता है कि उस बिस्तर को भी दान में दे देना चाहिए जिसपर मृत व्यक्ति सोता था। इसके साथ ही शास्त्रों में लिखा गया है कि, मृत व्यक्ति की कुंडली को भी घर में नहीं रखना चाहिए इसे किसी मंदिर में रख के आना चाहिए या फिर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। ऐसा करना मृतक की आत्मा को मुक्ति देने में सहायक होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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