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माता दुर्गा के हाथों में सजे हैं कई अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक, जान लें इनका महत्व और अर्थ

माता दुर्गा के हाथों में कई तरह के अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक सजे हैं। आइए जानते हैं इनका अर्थ और महत्व क्या है।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: October 04, 2024 16:33 IST
Goddess Durga- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL मां दुर्गा

माता दुर्गा का शक्ति स्वरूपा माना जाता है और इनके हाथों में कई तरह के अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक सजे हुए हैं। हर प्रतीक कुछ न कुछ संदेश हमको देता है। माता के हाथ में चक्र, त्रिशूल, फूल, शंख आदि विराजमान हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि इन प्रतीकों के जरिये हमको क्या संदेश मिलता है, और माता को ये अस्त्र-शस्त्र किन देवताओं ने दिए हैं।

त्रिशूल: 

माता के हाथ में सजा त्रिशूल तीन गुणों - सत्व, रजस और तमस का प्रतिनिधित्व करता है। यह नकारात्मकता को नष्ट करने का प्रतीक चिह्न है। त्रिशूल से माता दुर्गा पापियों का तो नाश करती ही हैं साथ ही, भक्तों के समस्त दुःख, पाप और अवगुणों को भी दूर करती हैं। माना जाता है कि, भगवान शिव ने माता को त्रिशुल दिया था। 
सुदर्शन चक्र: 
माता के हाथ में स्थित चक्र को समय और ब्रह्मांडीय शक्ति का प्रतीक चिह्न माना जाता है। यह माता दुर्गा की अनंत शक्ति और सर्वत्र विद्यमानता को भी दर्शाता है। चक्र से माता सभी बाधाओं और शत्रुओं का नाश करती हैं, और भक्तों को कृतार्थ करती हैं। सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु ने माता को दिया है।
खड़ग या तलवार: 
माता के हाथ में स्थित तलवार ज्ञान, तीव्र बुद्धि और धारदार सोच के प्रतीक चिह्न के रूप में देखी जाती है। यह भक्तों की अज्ञानता और अंधकार का अंत कर सत्य की राह पर उनको ले जाती है। मान्यताओं के अनुसार गणेश जी ने माता को तलवार दी थी। 
धनुष और बाण : 
माना जाता है कि पवन देव ने माता को धनुष और बाण दिए थे। ये आत्म-नियंत्रण और संतुलन का प्रतीक माने जाते हैं। धनुष और बाण से दुर्गा माता जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और सामंजस्य बिठाने की शक्ति देती हैं।
कमल : 
कमल आध्यात्मिक जागरूकता और आत्म-शुद्धि का प्रतीक है। यह इस बात का प्रतीक है कि संसार के सभी भौतिक बंधनों से ऊपर उठकर भी मनुष्य आध्यात्मिकता को प्राप्त कर सकता है।
गदा: 
गदा शक्ति और अधिकार के प्रतीक के रुप में देखा जाता है। यह बुराई और दुष्ट शक्तियों को नष्ट करने के लिए माता दुर्गा की भौतिक और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाने वाला भी है।
शंख:
माता के हाथ में स्थित शंख हमें पवित्रता और प्रारंभ का प्रतीक है। इसके माध्यम से देवी मां हमारे आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के शत्रुओं को पराजित करने की हमें शक्ति देती हैं। शंख के जरिये हमें ये संदेश भी मिलता है कि हम धर्म के मार्ग पर अग्रसर हों। 
अभय मुद्रा: 
अभय मुद्रा में माता के एक हाथ को आपने देखा होगा। अभय मुद्रा भक्तों को सुरक्षा, आश्रय और भय से मुक्ति प्रदान करने वाली मानी जाती है।
अक्ष माला: 
अक्ष माला को ध्यान, तपस्या और साधना के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। यह माता दुर्गा की ध्यानमग्न स्थिति और ब्रह्मांड के साथ उनकी एकता को भी प्रदर्शित करती है।

यानि माता दुर्गा के हाथों के सभी अस्त्र-शस्त्र और प्रतीक माता दुर्गा की  ज्ञान, शक्ति और संतुलन को दर्शाते हैं। माता के ये प्रतीक न केवल उनको युद्ध की देवी बल्कि शांति, ज्ञान, और मोक्ष की देवी के रूप में भी स्थापित करते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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