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इस नागा अखाड़े के नियम हैं सबसे अलग, नशे को लेकर भी बनाया गया है ऐसा रूल

नागा साधुओं के 13 अखाड़े हैं और हर अखाड़े में कई साधु-संत रहते हैं। इन्हीं अखाड़ों में से एक ऐसा भी है जिसके नियम बाकी अखाड़ों से थोड़े अलग हैं, आज हम आपको इसी अखाड़े के बारे में जानकारी देंगे।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 16, 2025 11:38 IST, Updated : Jan 16, 2025 11:38 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : PTI महाकुंभ 2025

महाकुंभ का मेला प्रयागराज में शुरू हो चुका है और बड़ी संख्या में नागा साधु प्रयागराज के कुंभ मेले में सम्मिलित हुए हैं। सनातन धर्म के रक्षक कहे जाने वाले नागा साधुओं के 13 अखाड़े हैं। इन अखाड़ों में ही नागा साधुओं की शिक्षा-दीक्षा होती है। लगभग हर अखाड़े के नियम भी मिलते-जुलते हैं सिवाय एक अखाड़े के। इस अखाड़े का नाम है श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा। इस अखाड़े की स्थापना श्री दुर्गासिंह द्वारा 1784 के हरिद्वार कुंभ के दौरान हुई थी। इस अखाड़े के कई नियम ऐसे हैं जो बाकी अखाड़ों से इसे अलग बनाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस अखाड़े के बारे में। 

श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा और इसके नियम

इस अखाड़े के स्थापना करने वाले वीरसिंह को सिक्ख गुरु गोविंद सिंह का करीबी माना जाता है। इस अखाड़े में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को पूजनीय माना जात है, और इसी पवित्र पुस्तक को इष्टदेव की तरह माना जाता है। इनके ध्वज का रंग पीला या बसंती होता है। इस अखाड़े के साधु गुरु नानक देव की शिक्षाओं का पालन करते हैं। बाकी अखाड़ों से इनके नियम थोड़े अलग हैं। 

निर्मल पंचायती अखाड़े के नियम

  • अन्य अखाड़ों में जहां हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की पूजा की जाती है वहीं निर्मल अखाड़े में गुरुग्रंथ साहिब को पूजा जाता है। 
  • अन्य अखाड़ों के साधु-संत जहां चिलम, हुक्का आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, वहीं निर्मल अखाड़े में नशीले पदार्थों का सेवन करना पूरी तरह से वर्जित है। अगर निर्मल अखाड़े का साधु नशीले पदार्थों का सेवन करते पाया जाता है, तो उसे कठोर सजा दी जाती है। 
  • अन्य अखाड़ों के नागा साधु आपको कभी-कभी क्रोध करते दिख सकते हैं, लेकिन निर्मल अखाड़े के साधुओं को यह शिक्षा दी जाती है कि वो सबके साथ समान व्यवहार करें। समाज के बीच जाकर भी अपने वास्तविक चरित्र में रहना इनको सिखाया जाता है। 
  • निर्मल अखाड़े के साधु नगर प्रवेश भी नहीं करते। इनमें नगर प्रवेश की परंपरा नहीं है। 
  • इस अखाड़े के पर कई पदों के लिए चुनाव किए जाते हैं। 

कहां-कहां रहते हैं निर्मल अखाड़े के साधु 

निर्मल अखाड़े के साधु-संत भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आपको मिल सकते हैं, लेकिन इनकी केंद्र मुख्य रूप से भारत में 4 जगहों पर हैं। इनका पहला केंद्र हरिद्वार में है, क्योंकि यहीं इस अखाड़े की स्थापना हुई थी। इसके अलावा, प्रयागराज, उज्जैन और त्र्यंबकेश्वर में निर्मल अखाड़े के केंद्र हैं। इस अखाड़े के साधु-संत भी देश और धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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