Monday, December 23, 2024
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Mahakumbh: महाकुंभ में जा रहे हैं संगम नगरी तो इस मंदिर में जरूर टेकें मत्था, वरना अधूरी रह जाएगी यात्रा!

Mahakumbh 2025: हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व होता है। इस बार महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगने जा रहा है। ऐसे में अगर आप भी कुंभ मेले में स्नान के लिए आ रहे हैं तो संगम नगरी के इस प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन जरूर करें।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Dec 23, 2024 18:51 IST, Updated : Dec 23, 2024 18:56 IST
महाकुंभ 2025
Image Source : INDIA TV महाकुंभ 2025

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ लोगों की आस्था से जुड़ा वो महापर्व है जहां जाने के लिए हर कोई बैचेन रहता है। पूरे 12 सालों के इंतजार के बाद महाकुंभ लगता है, जहां सौभाग्यशाली लोग ही पहुंच पाते हैं। महाकुंभ मेले से हर किसी की एक अटूट गहरी आस्था जुड़ी हुई है। महाकुंभ मेले में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। संगम नगरी प्रयागराज महाकुंभ मेले के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।

13 जनवरी 2025 को महाकुंभ मेला का आरंभ होगा। प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है। ऐसे में यहां लगने वाले महाकुंभ का विशेष महत्व होता है। इस शहर में जहां तीन पवित्र नदी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम है। वहीं प्रयागराज में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर है जहां दूर-दूर से भक्त मत्था टेकने आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां संगम में डुबकी लगाने के बाद तीर्थयात्री दर्शन करने के लिए जरूर जाते हैं। कहते हैं कि इस मंदिर के दर्शन के बिना संगम यात्रा अधूरी रह जाती है। 

अक्षयवट

संगम किनारे स्थित किले के अंदर एक ऐसा वृक्ष है जिसे लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इस वृक्ष के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पाप मिट जाते हैं। हम बात कर रहे हैं अक्षय वट की। अक्षय वट वह पवित्र बरगद का पेड़ है जहां प्रभु राम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ विश्राम किया था। त्रेता युग की गवाही देता यह वट वृक्ष आज लोगों की आस्था से जुड़ चुका है। यहां दर्शन के हर दिन भक्तों की भीड़ रहती है। संगम स्नान के बाद तीर्थयात्री अक्षय वट मंदिर जरूर आते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस वट वृक्ष के नीचे भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण ने तीन रात्रि विश्राम किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब पूरी धरती जलमग्न हो जाएगी तब उस समय में भी अक्षयवट का अस्तित्व कायम रहेगा। 

महाकुंभ 2025 स्नान की प्रमुख तिथियां

  • 13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा
  • 14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति 
  • 29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या 
  • 03 फरवरी 2025- बसंत पंचमी 
  • 12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
  • 26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।) 

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