Wednesday, January 08, 2025
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ऐसा हठ योग जिसे सोचकर भी रोंगटे खड़े हो जाएं, 61 कलश ठंडे पानी से नहाते हैं ये नागा साधु

प्रयागराज में महाकुंभ का मेला शुरू होने में बस कुछ ही समय बाकी है। हालांकि, महाकुंभ में आए नागा साधुओं के चमत्कार अभी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने लगे हैं। ऐसे ही एक नागा साधु के बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 07, 2025 13:20 IST, Updated : Jan 07, 2025 13:20 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : ANI महाकुंभ 2025

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया को देखना किसी चमत्कार से कम नहीं होता। कड़कड़ाती ठंड में भी निर्वस्त्र नागा साधुओं को देखना भी एक तरह से चमत्कार ही है। प्रयागराज में कुंभ के दौरान ठंड आम लोगों की चिंता का विषय भले ही हो, लेकिन नागा संन्यासी के लिए इसका कोई अर्थ नहीं है। नागा साधु हठ योग के द्वारा अपने शरीर को इतना कठोर बना लेते हैं कि, उन्हें न ठंड परेशान करती है न गर्मी। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे नागा साधु के बारे में बताने वाले हैं, जो ठंड के मौसम में भी ठंडे पानी से नहा रहे हैं। ये नागा महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हठ योग के द्वारा इन्होंने अपनी इंद्रियों को वश में कर लिया है। 

महाकुंभ 2025

महाकुंभ शुरू होने में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। प्रत्येक दिन कई साधु संत प्रयागराज पहुंच रहे हैं। नागा साधुओं के अखाड़े भी महाकुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज पहुंच चुके हैं। नागा साधुओं की पोशाक से लेकर इनके द्वारा किये जाने वाले योग भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।  इन्हीं नागा साधुओं में से एक हैं प्रमोद गिरी महाराज जी। इनका हठ योग लोगों के कौतुहल का विषय बना हुआ है, और इनको लेकर बातें अब आम लोग भी करने लगे हैं। 

नागा साधु बने हैं चर्चा का विषय

प्रमोद गिरी महाराज सुबह 4 बजे ठंडे पानी से स्नान करते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात है कि प्रति दिन घड़ों की संख्या बढ़ती रहती है। प्रमोद गिरी जी ने 51 घड़े पानी से नहाना शुरू किया था, जो बढ़कर 108 घड़े पानी के स्रान तक जाएगा। 7 जनवरी की सुबह प्रमोद जी ने 61 घड़े पानी से स्नान किया था। प्रमोद गिरी जी कहते हैं, कि हमारे गुरु द्वारा हमें यह दीक्षा दी गई है, बिना किसी चाह के मानव कल्याण के लिए हम यह क्रिया कर रहे हैं। गिरी जी का कहना है कि, कठोर हठ योग के द्वारा अपने शरीर को मजबूत बनाकर हम सनातन धर्म के उत्थान के लिए कार्य करते हैं। नागा साधु का कहना है कि जब भी सनातन धर्म को हमारी आवश्यकता होगी हम अपने सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर रहेंगे। साथ ही प्रमोद गिरी जी यह भी कहते हैं कि तपस्या करना एक नागा साधु का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि शाही स्नान के दिन ठंडे पानी से स्नान की यह प्रक्रिया और भी कठिन होगी, क्योंकि उस दिन सुबह कई घड़े जल से स्नान करने के बाद हमें कुंभ में भी स्नान करना होगा। 

क्या है हठ योग

योग की दृष्टि से देखा जाए तो हठ का अर्थ है अपनी इड़ा और पिंगला नाड़ी को संयोजित करना। ह का अर्थ जहां सूर्य है वहीं ठ का अर्थ है चंद्रमा। सूर्य ऊर्जा और चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है। इन दोनों को संतुलित करने की क्रिया को ही हठ योग कहते हैं। वहीं वर्तमान काल में लोग हठ योग का अर्थ यह भी मानते हैं कि, बलपूर्वक इंद्रियों को वश में करना। हालांकि वास्तव में हठ योग एक पूरी प्रक्रिया है। हठ योग में महारत हासिल करने के लिए नियमों के पालन से लेकर आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान और समाधि सब आते हैं। इसी हठ योग को करने के बाद नागा साधु अपनी इंद्रियों को नियंत्रित करते हैं और कई सिद्धियां पाते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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