Thursday, January 09, 2025
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Mahakumbh 2025: 'सत्य सनातन' कॉन्क्लेव में कैलाशानंद गिरी महाराज, महाकुंभ को लेकर कही महत्वपूर्ण बातें

Mahakumbh 2025: महाकुंभ से जुड़ी इंडिया टीव के प्रोग्राम 'सत्य सनातन' कॉन्क्लेव में कैलाशानंद गिरी महाराज पहुंचे। जानें उन्होंने कुंभ को लेकर क्या कहा।

Written By: Naveen Khantwal
Published : Jan 08, 2025 17:50 IST, Updated : Jan 08, 2025 18:09 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : INDIA TV महाकुंभ 2025

Mahakumbh 2025: निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज 'सत्य सनातन' कॉन्क्लेव में शामिल हुए।  यहां महामण्डलेश्वर महाकुंभ की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह सत्य वंदनीय है उसी तरह सनातन धर्म वंदनीय है। केवल सनातन धर्म में ही सत्य की पूजा होती है और कुंभ इसका जीता जागता प्रमाण।

सनातन परंपरा को लेकर क्या कहा 

आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी कहते हैं कि, सनातन से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि सनातन में हर किसी का सम्मान होता है गंगा, जमुना, सरस्वती जैसी नदियां भी यहां पूजनीय हैं। गौ माता की भी यहां पूजा होती है। हर किसी का सम्मान करना सनातन में सीखाया जाता है, इसलिए सनातन धर्म सर्वश्रेष्ठ है। 

महाकुंभ में क्या अंतर दिखा? 

महाकुंभ के बदलते स्वरूप को लेकर आचार्य जी ने कहा कि, आज जो सरकार है उसके चलते इसका स्वरूप बहुत बदला है। अखाड़ों के बीच अच्छा भाई चारा है। कुंभ मेले का आकार बढ़ा है। उन्होंने बताया कि इस बार 35 से 40 करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल होने वाले हैं।

वर्तमान राजनीति को लेकर कही ये बात

जब आचार्य से पूछा गया कि, क्या आज की सरकार धर्म को रास्ता बनाकर अपने स्वार्थ को साधना चाहती है। इस पर उन्होंने कहा कि, साधु कभी असत्य नहीं बोलता। साधु वही है जो सत्य का परिचायक होता है। उन्होंने कहा कि मैं बिना किसी का पक्ष लिए बोलता हूं कि, इस समय जो सरकार है भारतीय परंपराओं को मानने वालों की सरकार है, धर्म को समझने वालों की सरकार इसलिए उन्हें समर्थन भी लोगों से मिल रहा है। किसी तरह के राजनीतिक स्वार्थ की बात उन्होंने नहीं स्वीकारी।  

सनातन में रुचि लेने वाला हर व्यक्ति का कुंभ में स्वागत

आचार्य  कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि, अन्य लोग भी अगर कुंभ को समझना चाहते हैं तो उनका भी यहां स्वागत है। हालांकि, जो लोग अराजकता महाकुंभ में फैला सकते हैं उन्हें यहां आना वर्जित आचार्य ने बताया। यानि उनका कहना है कि, जो भी सनातन के गूढ़ रहस्यों में रुचि रखता है, सनातन को समझना चाहता उनके लिए कुंभ के दरवाजे खुले हैं। 

अन्नदान की बताई महत्ता

आचार्य  कैलाशानंद गिरी ने बताया कि केवल उनके अखाड़े में ही महाकुंभ के दौरान 1 करोड़ से अधिक लोग भोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि, वर्तमान समय में अन्नदान महादान है। अन्न का दान करने से आत्मिक शुद्धि व्यक्ति को प्राप्त होती है। अन्न का दान करने से न केवल खाने वाला तृत्प होता है बल्कि अन्न का भी आदर बढ़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे अखाड़े में बने भोजन में लहसुन प्याज का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

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