Budh Margi 2023: आज यानी 18 जनवरी शाम 6 बजकर 42 मिनट पर बुध मार्गी होकर धनु राशि में प्रवेश कर रहा है। बुध का मार्गी होना व्यापार पर असर डालने वाला होता है। यह किसी व्यापार में तेजी तो किसी में मंदी लाने वाला सिद्ध होगा। बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है। सूर्य से इसकी दूरी करीब 3.68 करोड़ मील है जबकि सूर्य से इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन का है। इस दौरान यह भिन्न-भिन्न बारह राशियों में प्रवेश करता है। एक राशि को पार करने में इसे 25 से 26 दिन लगते हैं।
बुध ग्रह होता है शुभ
ज्योतिष शास्त्र में बुध को शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। ग्रहों में इसे राजकुमार का पद दिया गया है । बुध को चंद्रमा का पुत्र भी कहा जाता है। यह उत्तर दिशा का मालिक होने के साथ मिथुन व कन्या राशि का स्वामी है। वहीं वृष, तुला व सिंह राशि का मित्र है। कर्क इसका शत्रु है और चंद्रमा के साथ यह स्वयं शत्रुवत व्यवहार करता है।
बुध ग्रह सर्वदा बलवान होता है । यह अच्छे ग्रहों के साथ शुभ फल देता है परंतु क्रूर ग्रहों के साथ मिलने पर बुरा फल देता है। बुध की महादशा 17 वर्ष की होती है। ज्योतिष और वैदिक ग्रंथों में बुध को कोमल ग्रह के रूप में देखा जाता है।
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मार्गी और वक्री में अंतर
सौरमंडल में सभी ग्रहों की गति की दिशा अलग-अलग होती है। कुछ ग्रह मार्गी होते हैं तो कुछ वक्री। सूर्य व चंद्रमा सदैव मार्गी रहते हैं और राहु व केतु सदैव वक्री रहते हैं जबकि शेष पांच ग्रह सदैव वक्री-मार्गी होते रहते हैं। उन्ही पांच ग्रहों में से एक बुध भी है। यह वक्री-मार्गी दोनों गति करता है। दरअसल जब ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष सीधी दिशा में सामान्य गति करते हैं तो उन्हें मार्गी, वहीं जब ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष उल्टी दिशा में गति करते हैं तो उन्हें वक्री ग्रह कहा जाता है।
बुध मार्गी होने से क्या होता है?
बुध के मार्गी होने पर यश, मान और हर प्रकार की विद्या प्राप्त करने में सहायता मिलती है। बुध तर्क शक्ति, गणित, संचार, विज्ञान, अनुसंधान, लेखन, वाणी और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। स्वभाव से यह युवा और सात्विक ग्रह है। यह आपकी जुबान, आपके व्यवहार, आपके दिमाग और आपकी खूबसूरती का कारक ग्रह है। जन्म कुंडली में बुध की स्थिति ही यह तय करती है कि आप कैसा बोलते हैं या कैसा व्यवहार करते हैं।
बुध के शुभ प्रभाव से ऊपर दिए गए क्षेत्रों में तरक्की मिलती है, लेकिन कुंडली में किसी विपरीत ग्रह के संगम से यह हानिकारक भी सिद्ध हो सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह जातक के दांतों, गर्दन, कंधों व त्वचा पर अपना प्रभाव डालता है।
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बुध ग्रह को व्यापार का कारक भी माना जाता है। बुध का वक्री या मार्गी होना व्यापार पर अपना पूरा असर डालता है। इस बार बुध के मार्गी होने से गुड़, शक्कर, खाण्ड, सरसों का तेल, तिल, मूंगफली, अरण्डी, बिनौला, कपूर, चंदन आदि में मंदी रहेगी। अगर यह आपके व्यापार के लिए मंदी का कारक बन रहा है तो बुधवार को साबूत मूंग नदी या किसी अन्य बहते पानी के स्त्रोत में बहा दें या फिर विधारा की जड़ को हरे धागे में पिरोकर बुधवार के दिन धारण कर लें । इससे आपका व्यापार सही गति में चलता रहेगा।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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