Kharmas 2024: खरमास की शुरुआत तब होती है जब सूर्य देव का गोचर गुरु की राशियों धनु और मीन में होता है। यानि हर साल में 2 बार खरमास आते हैं। साल 2024 में खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर से हो रही है। इस दौरान सूर्य गुरु की राशि धनु में प्रवेश करेंगे। एक महीने तक सूर्य धनु राशि में ही संचार करते रहेंगे। खरमास के दौरान किसी भी तरह का शुभ मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। लेकिन खरमास के दौरान आखिर शुभ मांगलिक कार्य क्यों नहीं किए जाते, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
खरमास कब-कब लगता है
साल में दो बार खरमास लगते हैं। पहला खरमास तब लगता है जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं। यह अवधि मार्च-अप्रैल में होती है। इसके बाद खरमास दिसंबर-जनवरी में लगता है, इस दौरान गुरु की राशि धनु में होते हैं।
खरमास का धार्मिक महत्व
सूर्य देव के ही कारण पृथ्वी पर जीवन संभव हुआ है। सूर्य की ऊर्जा सारी प्रकृति को बल देती है। लेकिन जब सूर्य देव बृहस्पति ग्रह की राशियों धनु और मीन में जाते हैं तो उनका तेज कम हो जाता है। यानि सूर्य की स्थिति मजबूत नहीं रह जाती। हर मांगलिक कार्य में सूर्य देवता का भी आवाहन किया जाता है, और उनके आशीर्वाद से ही मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। लेकिन धनु-मीन में संचार करते हुए सूर्य जब कमजोर होते हैं, तो मांगलिक कार्यों का शुभ फल आपको प्राप्त नहीं हो पाता। यही वजह है कि, खरमास के दौरान शुभ मांगलिक कार्यों को करने पर रोक लग जाती है।
शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते?
- सूर्य की कमजोर स्थिति: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को ऊर्जा, तेज और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। खरमास के दौरान जब सूर्य कमजोर होता है, तब प्रकृति में शुभता कम हो जाती है। इसलिए शुभ-मांगलिक कार्यों का भी अच्छा प्रभाव आपको नहीं मिल पाता।
- नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य शुभ कार्यों को करने की इस दौरान मनाही होती है।
- इस दौरान बरतें धार्मिक अनुशासन: शास्त्रों के अनुसार, खरमास में व्यक्ति को धार्मिक क्रियाकलाप करने चाहिए। धार्मिक पुस्तकों का इस दौरान अध्ययन करना शुभ होता है। इससे आप मानसिक रूप से सकारात्मक रहते हैं।
खरमास में क्या करने से होगा लाभ?
- इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य की पूजा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- खरमास के दौरान दान-पुण्य करें, जैसे अन्न, वस्त्र, और जरूरतमंदों की सहायता। ऐसा करने से आपको प्रभु कृपा प्राप्त होती है।
- व्रत और योग-ध्यान अगर आप खरमास के दौरान करते हैं तो आपको सकारात्मकता ऊर्जा प्राप्त होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-
Haldi Ceremony: शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन पर क्यों लगाई जाती है हल्दी? जान लें इसके पीछे की वजह