कार्तिक पूर्णिमा साल 2024 में 15 नवंबर को है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन शनि शश नामक शुभ योग का निर्माण भी करेंगे, ऐसा संयोग 30 सालों के बाद बना है। इस कार्तिक पूर्णिमा के बाद अगले 30 सालों तक अब यह योग नहीं बनेगा। शनि के इस योग के बनने से राशिचक्र की कुछ राशियों को खासा लाभ हो सकता है। इन राशियों को करियर, कारोबार के साथ ही निजी जीवन में भी शुभ फलों की प्राप्ति होगी, आइए विस्तार से जान लेते हैं इन राशियों के बारे में।
मेष राशि
कार्तिक पूर्णिमा के बाद आपके जीवन में सुखद बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आप वैचारिक रूप से सशक्त होंगे और सही फैसले जीवन में ले पाएंगे। आपके काम करने की गति भी बढ़ेगी जिससे करियर के क्षेत्र में आप ऊंचाइयों को छू सकते हैं। कार्यक्षेत्र में इस राशि के जातकों की तारीफ भी होगी। धार्मिक कार्यों में इस राशि के जातकों को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा और इससे मानसिक शांति का भी आपको अहसास होगा। आर्थिक पक्ष में भी पहले के मुकाबले अच्छे बदलाव आपको देखने को मिल सकते हैं।
सिंह राशि
आपके द्वारा की गई मेहनत का अच्छा परिणाम आपको कार्तिक पूर्णिमा के बाद मिल सकता है। जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए आने वाला समय बेहद शुभ साबित हो सकता है। मनचाही नौकरी आपको प्राप्त हो सकती है। अगर सेहत को लेकर परेशान थे तो अब अच्छे बदलाव आपको सेहत में देखने को मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में इस राशि के लोगों को नई जिम्मेदारियां मिलेंगी और आप अपने उच्च अधिकारियों की उम्मीदों पर खरे उतर सकते हैं। पारिवारिक जीवन में माता-पिता का सहयोग आपको प्राप्त होगा।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए कार्तिक पूर्णिमा के बाद का समय वैसा साबित हो सकता है, जैसे वक्त की आप उम्मीद करते हैं। आपकी कई मनोकामनाएं इस दौरान पूरी हो सकती हैं। घर परिवार के लोगों के लिए जो आप करना चाहते थे वो इस दौरान कर सकते हैं। आपके तिजोरी में धन भी पहले के मुकाबले ज्यादा होगा। समाजिक स्तर पर इस राशि के लोग ख्याति पा सकते हैं। अगर सोशल मीडिया पर कंटेंट बनाते हैं तो समय आपका है, आपका कोई कंटेंट वायरल हो सकता है। जिंदगी को जीने का नया दृष्टिकोण आपको प्राप्त हो सकता है, इससे आपके व्यक्तित्व में भी अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे। जितना आप सतर्क रहेंगे उतना ही अच्छे मौकों का फायदा आप उठा पाएंगे।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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