Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. कामाख्या देवी मंदिर के कपाट साल में 3 दिन क्यों रहता है बंद? जानिए इस शक्तिपीठ जुड़ी कई रहस्मयी बातें

कामाख्या देवी मंदिर के कपाट साल में 3 दिन क्यों रहता है बंद? जानिए इस शक्तिपीठ जुड़ी कई रहस्मयी बातें

Kamakhya Devi Mandir: नीलाचल पर्वत पर स्थित देवी कामाख्या का मंदिर साल में 3 दिन बंद रहता है लेकिन इस दौरान भी यहां भक्त भारी संख्या में यहां आते हैं। जानिए इस मंदिर से जुड़ी विशेष बातें।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Mar 03, 2023 17:16 IST, Updated : Mar 03, 2023 17:18 IST
Kamakhya Temple
Image Source : INDIA TV Kamakhya Temple

Kamakhya Devi Mandir: हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनसे जुड़ी कई चमत्कारिक और रहस्मयी बातें प्रसिद्ध है। इन मंदिरों पर अपना माथा टेकने के लिए देशभर से लोग जुटते हैं। ऐसा ही एक मंदिर गुवाहाटी में स्थित है। हम बात कर रहे हैं 51 देवी शक्तिपीठ में से एक कामाख्या मंदिर के बारे में। भक्तों के बीच इस मंदिर को लेकर गहरी आस्था और मान्यताएं हैं। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति मां कामाख्या से सच्चे दिल से कुछ मांगता है तो देवी उनकी मुराद जरूर पूरा करती हैं। कामाख्या देवी मंदिर अघोरियों और तांत्रिक का गढ़ भी माना जाता है। यहां लगने वाले अंबुबाची मेला में तांत्रिक और साधकों की काफी भीड़ उमड़ती है। 

 अंबूवाची मेला 

आपको बता दें कि हर साल 22 से 26 जून तक कामाख्या देवी मंदिर में अंबूवाची मेला का आयोजन होता है। इस दौरान कामाख्या मंदिर का कपाट 3 दिनों के लिए बंद रहता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस समय मां कामाख्या रजस्वला (मासिक धर्म) में रहती हैं। इस समय ब्रह्मपुत्र नदी का जल भी लाल हो जाता है। अंबूवाची पर्व के दौरान मंदिर के गर्भ गृह में पूजा-अर्जना बंद रहती है। 'अंबुबाची मेला' को तांत्रिक उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। मां की पूजा करने के लिए देश भर के तांत्रिक भारी संख्या में यहां इकट्ठा होते हैं।

कामाख्या देवी मंदिर के बारे में 

कामाख्या देवी मंदिर सबसे शक्तिशाली पीठों में से एक माना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, यहां देवी सती की योनि गिरी थी। मालूम हो कि यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि कुंड है, जिसे हमेशा फूलों से ढककर रखा जाता है। इस मंदिर में माता की योनि की पूजा की जाती है। अंबूवाची उत्सव के दौरान जब माता रानी का मासिक धर्म होता है तब उस कुंड को सफेद कपड़े से ढक दिया जाता है।  तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं तो सफेद कपड़ा लाल रंग का हो जाता है जिसे अंबूवाची वस्त्र कहा जाता है फिर इस वस्त्र को भक्तों को प्रसाद स्वरूप दिया जाता है।  कामाख्या मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर नीलाचल पर्वत पर स्थित है। सड़क, फ्लाइट या रेलमार्ग से गुवाहाटी पहुंचकर आसानी से कामाख्या माता मंदिर पहुंचा जा सकता है।

कामाख्या देवी मंदिर से जुड़ी खास बातें

  • अंबूवाची  मेला में मां कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म चक्र का उत्सव मनाया जाता है।
  • इस दौरान पूरे 3 दिनों के लिए देवी का कपाट बंद रहता है।
  • इन दिनों  पवित्र ग्रंथ पढ़ना, पूजा करना और खाना बनाने जैसी चीजों पर प्रतिबंध रहता है।
  • तीन दिनों के बाद जब मंदिर के कपाट खुलते हैं तब भक्तों को मां के दर्शन करने की अनुमति होती है।
  • अंबुबाची मेले में दूर-दूर से तांत्रिक लोग जुटते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। । इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

ये भी पढ़ें-

Holika Dahan 2023 Upay: होलिका दहन की राख से करें ये उपाय, बदल सकती है आपकी तकदीर, लक्ष्मी जी भी खटखटाएंगी घर का दरवाजा!

होलिका दहन के दिन बस करें ये काम, कभी खाली नहीं होगी तिजोरी, मां लक्ष्मी जमकर बरसाएंगी कृपा

होलिका दहन के दिन उग्र रहेगा राहु, इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय

 

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement