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Kaal Bhairav Temple: काल भैरव मंदिर में जलाएं इस तेल का दीया, चमक जाएगा भाग्य

Kaal Bhairav Mandir: काल भैरव के दर्शन मात्र से हर तरह का भय और डर दूर हो जाता है। आज हम जानेंगे काशी के काल भैरव मंदिर के बारे में। साथ ही जानेंगे कि बाबा भैरव के मंदिर में किस तेल का दीया जलाना चाहिए।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: May 14, 2024 13:00 IST
Kaal Bhairav Mandir- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kaal Bhairav Mandir

Kaal Bhairav Mandir: काशी यानी बनारस इस शहर के दर्शन मात्र से लोगों की पुण्य फलों की प्राप्ति होती। काशी बाबा विश्वनाथ का शहर है जहां के कण-कण में भगवान शिव बसे हुए हैं। गंगा किनारे बने अस्सी घाट को देखने और  विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्तगण वाराणसी आते हैं। लेकिन आपको बता दें कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन तब तक पूरे नहीं होते हैं जबतक कि आप काल भैरव के मंदिर में मत्था नहीं टेक आते हैं। बाबा भैरव को 'काशी का कोतवाल' कहा जाता है। तो आइए जानते हैं कि काशी के काल भैरव मंदिर के बारे में। साथ ही जानेंगे कि भैरव बाबा के सामने कौनसे तेल का दीया जलाना चाहिए।

काल भैरव मंदिर, काशी (वाराणसी)

भारत के अलग-अलग शहरों में काल भैरव बाबा के कई प्रसिद्ध मंदिर है लेकिन इनमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का काल भैरव मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। दरअसल, काल भैरव बाबा को भगवान शिव का रुद्र रूप माना जाता है। काशी महादेव का अत्यंत प्रिय नगरी माना जाता है। भगवान शिव ने काल भैरव को यहां का क्षेत्रपाल यानी कोतवाल नियुक्त किया था, इसलिए कहा जाता है कि काल भैरव को काशी वासियों को दंड देने का भी अधिकार है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, काल भैरव पर ब्रह्म हत्या का दोष लगा था और उस दोष से मुक्ति पाने के लिए ये तीनों लोकों का भ्रमण कर रहे थे। तब जाकर काशी के गंगा तट पर पहुंचने के बाद काल भैरव को ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति मिली थी। उसी समय भगवान शंकर ने उन्हें काशी में ही रहकर तप करने का आदेश दिया था। कहते हैं कि काल भैरव मंदिर के दर्शन के बिना  काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन का पूरा लाभ नहीं मिलता है।

काल भैरव मंदिर में जलाएं इस तेल का दीया

काल भैरव मंदिर में सरसों के तेल का दीया जरूर जलाएं। सरसों के तेल का दीया जलाने से काल भैरव बाबा भक्तों के सभी दुख को हर लेते हैं और उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं। काल भैरव मंदिर में प्रमुख तौर पर बैंगनी, लाल, सफेद रंग के फूल चढ़ाएं जाते हैं। इसके अलावा काल भैरव को प्रसाद के रूप में मदिरा अर्पित करने का भी विधान है। साथ ही काल भैरव मंदिर में मिलने वाले काला धागा को हाथ और गले में काला धागा बंधवाने से सभी तरह की बाधाओं और क्लेश का निवारण मिलता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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