Jyeshtha Purnima 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। यह एक ऐसा दिन होता है जब धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन केवल चंद्रमा के दर्शन करने से भी आपको कई मानसिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। यही लाभ आप ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को भी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि के लेकर कई लोगों के मन में संशय की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में आइए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा की सही तिथि और स्नान-दान के मुहूर्त के बारे में।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 की सही तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 21 जून को सुबह के समय हो जाएगा। पूर्णिमा तिथि 21 जून को 6 बजकर 1 मिनट से शुरू होगी और 22 तारीख की सुबह 5 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात्रि में चंद्र पूजन का महत्व होता है इसलिए ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 21 जून को ही रखा जाएगा। वहीं 22 जून को आप स्नान-दान कर सकते हैं। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को ही मनाई जाएगी।
स्नान-दान मुहूर्त
साल 2024 में ज्येष्ठ पूर्णिमा दो दिनों तक रहेगी इसलिए 21 और 22 दोनों ही दिन आप स्नान और दान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि व्रत के लिए 21 जून का ही दिन शुभ माना जाएगा। 21 तारीख सुबह के समय आप 6 बजकर 15 मिनट से 9 बजे तक स्नान कर सकते हैं,दान करने के लिए भी यह समय शुभ रहेगा। रात्रि में आपको चंद्रमा का पूजन इस दिन करना चाहिए। इस दिन चंद्रमा के साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के निमित्त व्रत रखने और पूजा करने से आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं। श्रद्धापूर्वक विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने से घर में बरकत आती है और धन से संबंधित मामलों में भी आपको सफलता मिलती है। 22 जून को दान आप किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन स्नान सुबह 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक करना उत्तम माना जाएगा।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर इन चीजों का दान करने से मिलेगा लाभ
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दान का बड़ा महत्व है। इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार आपको दान अवश्य करना चाहिए। इस दिन आप लाल रंग के कपड़े, मसूर की दाल, मिश्री, चीनी, गेहूं, चावल, मौसमी फल और सब्जियों का दान कर सकते हैं। इसके साथ ही गौ माता को अगर इस दिन आप हरा चारा खिलाते हैं तो सभी देवी-देवता आपसे प्रसन्न होते हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दौरान गर्मी उफान पर होती है इसलिए शरबत भी आप राहगीरों को इस दौरान पिला सकते हैं। जल का दान करने से आपके जीवन की कई परेशानियों का हल होता है और साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है, क्यों चंद्रमा को जल का कारक माना जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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