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Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ के रथ का कौन है सारथी, कितनी है पहियों की संख्या? पाएं यात्रा से जुड़ी रोचक जानकारियां

जगन्नाथ रथ यात्रा साल 2024 में 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

Written By: Naveen Khantwal
Published on: June 26, 2024 18:55 IST
जगन्नाथ रथ यात्रा 2024- India TV Hindi
Image Source : FILE जगन्नाथ रथ यात्रा 2024

Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग जगन्नाथ पुरी यात्रा के दौरान दुनिया भर से पहुंचते हैं। साल 2024 में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से होने वाली है। ऐसे में आज हम जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां अपने इस लेख में देंगे। 

जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी रोचक बातें

माना जाता है कि जो भी व्यक्ति जगन्नाथ यात्रा में एक बार शामिल हो जाता है उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही भक्तों को पुण्य की भी प्राप्ति होती है। 

यात्रा के दौरान जगन्नाथ जी के साथ ही भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी यात्रा में होते हैं। यह यात्रा गुंडिचा मंदिर तक की जाती है। माना जाता है कि गुंडिचा देवी भगवान जगन्नाथ की मौसी हैं। यानि जगन्नाथ जी, बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। कुछ दिन वहां रुकने के बाद वापस वो लौटते हैं। 

यात्रा के दौरान जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी अपने अपने रथों पर होते हैं। तीनों के रथ के नाम अलग-अलग हैं और इनकी विशेषताएं भी अलग हैं। आइए इस बारे में अब जानते हैं। 

सुभद्रा जी का रथ 

सुभद्रा जी के रथ का नाम दर्पदलन है जिसकी ऊंचाई लगभग 42 फीट होती है। इसमें 12 पहिये होते हैं और इसका रंग लाल या काला रखा जाता है। इस पर लहराने वाले ध्वज का नाम नादाम्बिका है। इस रथ के सारथी अर्जुन, संरक्षक जयदुर्गा और द्वारपाल गंगा और जमुना हैं। 

बलभद्र जी का रथ

बलभद्र जी के रथ का नाम है ताल्ध्वाज जिसकी ऊँचाई 43.2 फीट है। इनके रथ में 14 पहिये होते हैं और रंग लाल या हरा रहता है। ध्वज पर लहरा रही पताका का नाम उन्ननी है और ध्वज के सारथी मातली हैं। रथ के संरक्षक वासुदेव और द्वारपाल नंद और सुनंद हैं। 

महाप्रभु जगन्नाथ का रथ

भगवान जगन्नाथ जी के रथ का नाम नंदीघोष है, जिसकी ऊंचाई 44.2 फीट है और इसमें 16 पहिये हैं। जगन्नाथ जी के रथ का रंग लाल या पीला होता है। इनके रथ पर लहरा रहा ध्वज त्रिलोक्य्मोहिनी नाम से जाना जाता है। सारथी दारूक हैं और संरक्षक गरुड़। जगन्नाथ जी के रथ के द्वारपाल जय और विजय हैं। 

क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा?

पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि एक बार जगन्नाथ जी अपनी बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर थे। भगवान जगन्नाथ अपनी बहन को नगर दिखा रहे थे, इसी दौरान उन्होंने अपनी मौसी के घर जाने का कार्यक्रम भी बनाया और वहां लगभग एक सप्ताह वो रहकर आए। माना जाता है कि तब से ही जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ हुआ था। आपको बता दें कि जगन्नाथ यात्रा में जो रथ होते हैं उनका निर्माण कार्य अक्षय तृतीया के दिन से ही शुरू हो जाता है। रथ में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की भी पहले पूजा अर्चना की जाती है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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