जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख आस्था केंद्रों में से एक है। पुराणों में इस स्थान को धरती का वैकुंठ बताया गया है। जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है। हालांकि, जितनी रहस्यमयी घटनाएं इस धाम में होती हैं और जितनी कहानियां इस मंदिर को लेकर कही जाती हैं, उतनी और किसी विष्णु धाम को लेकर नहीं कही जाती । इस मंदिर से जुड़े कुछ रहस्यों और हनुमान जी से जुड़ी जगन्नाथ धाम की एक रोचक कहानी के बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
जगन्नाथ धाम से जुड़ी हनुमान जी की कहानी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पुरी में जब जगन्नाथ धाम बना तो इसके दर्शन के लिए न केवल मनुष्य बल्कि देवी-देवता और गंधर्व भी आए। इन सब को पुरी धाम की ओर जाते देख समुद्र के मन में भी जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन करने की इच्छा जागी। समुद्र जब जगन्नाथ जी के दर्शन करने आया तो वहां मौजूद भक्तों को परेशानी होने लगी, धाम के आस पास समुद्र का पानी आ गया। ऐसा केवल एक दिन नहीं बल्कि बार-बार होने लगा। इसके बाद भक्तों ने जगन्नाथ जी से मदद मांगी। तब भगवान जगन्नाथ जी ने बजरंगबली को कहा कि, वो समुद्र को नियंत्रित करें। मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ने जगन्नाथ की आज्ञा पाकर समुद्र को बांध दिया।
जब हनुमान जी के बंधन के बाद समुद्र जगन्नाथ जी के दर्शन करने नहीं जा पाया तो उसने एक चाल चली। समुद्र ने हनुमान जी से कहा कि, तुम प्रभु के कैसे भक्त हो? तुम्हें जगन्नाथ जी के दर्शनों की लालसा नहीं होती? बार-बार समुद्र ने जब ये बात दोहरानी शुरू कर दी तो हनुमान जी के मन में प्रभु के दर्शन करने की लालसा जाग उठी। इसके बाद हनुमान जी जगन्नाथ जी के दर्शनों के लिए निकल पड़े और उनके पीछे समुद्र भी मंदिर तक जा पहुंचा। हनुमान जी ने जब बार-बार मंदिर में जाना शुरू कर दिया तो समुद्र भी बार-बार धाम तक पहुंचने लगा। भक्त फिर से परेशान होने लगे और उन्होंने जगन्नाथ जी से इस समस्या को सुलझाने को कहा। इसके बाद जगन्नाथ जी ने हनुमान जी की इस आदत को छुड़वाने के लिए, समुद्र के निकट उनके पैरों में सोने की बेड़ियां बांध दी। जगन्नाथ पुरी में समुद्र के पास आज भी बेदी हनुमान या बेड़ी हनुमान जी का मंदिर स्थित है।
जगन्नाथ धाम से जुड़ी रहस्यमयी बातें
- पुरी धाम में प्रवेश के बाद समुद्र की आवाज आपके कानों में नहीं आती, माना जाता है कि आज भी हनुमान जी सुमद्र को जगन्नाथ धाम तक जाने से रोकते हैं और इसीलिए समुद्र की आवाज तक धाम के अंदर तक नहीं पहुंचती।
- इस मंदिर का प्रसाद भी बेहद रहस्यमयी तरीके से हमेशा उतना ही बनता है जितने की आवश्यकता है। यानि भक्त कम हों या ज्यादा प्रसाद की कमी इस मंदिर में कभी नहीं होती।
- आपने कई मंदिर के शिखर या गुंबद पर पक्षियों को बैठे देखा होगा या फिर मंदिर के ऊपर से उड़ते देखा होगा। लेकिन पुरी धाम में ऐसा कुछ नहीं होता ना ही मंदिर के ऊपर पक्षी बैठते हैं और ना ही मंदिर के ऊपर से उड़ते हैं। यहां तक कि हवाई विमान भी मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ाया जा सकता।
- इस मंदिर से जुड़ा एक रहस्य जिसके बारे में अधिकतर लोग जानते हैं, वो ये है कि मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज हमेशा हवा के विपरीत लहराता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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