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International Women's Day 2023: महाभारत की द्रौपदी आज भी महिलाओं के लिए है प्रेरणा

International Women's Day 2023: इंटरनेशनल विमेंस डे के मौके पर आज हम आपको द्रौपदी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे जो आज भी महिलाओं के लिए प्रेरणा है। आइए जानते हैं।

Written By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: March 01, 2023 13:48 IST
International Women's Day 2023 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV International Women's Day 2023

Draupadi :  बरसों से समाज का एक हिस्सा का ऐसा मानना है कि महिलाएं सिर्फ घर-परिवार ही चला सकती हैं। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। क्योंकि आजकल की महिलाएं पहले के मुकाबले ज्यादा सशक्त है और समाज कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लेकिन महिलाओं के सशक्त होने का ये सिलसिला कोई नया नहीं है। यदि आप इतिहास के पन्ने खोलेंगे तो आप देखेंगे कि उस समय भी महिलाएं कैसे अपनी बुद्धि, विवेक और साहस से इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवाया है। 

इन्हीं में से एक महाभारत की द्रौपदी का नाम है जो पांच पांडव भाइयों की पत्नी थी। ऐसे में इंटरनेशनल विमेंस डे (International Womens Day) के मौके पर आज हम आपको द्रौपदी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे जो आज भी महिलाओं के लिए प्रेरणा है। आइए जानते हैं। 

पुरुषवादी समाज के सामने उठाई आवाज

द्रौपदी महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। ये उन ताकतवर महिलाओं में से एक है जिन्होंने पुरुषवादी समाज के सामने अपने लिए आवाज उठाई थी। द्रौपदी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी और न ही कभी किसी से डरी। जब भरी सभा में द्रौपदी को निर्वस्त्र करने का दुस्साहस किया गया तो उन्होंने अपने लिए आवाज उठाई और वहां मौजूद महान योद्धाओं पितामह भीष्म , द्रोणाचार्य, कृपाचार्य की आत्मा को भी जगाने का काम किया। 

अग्नि से प्रकट हुईं थी द्रौपदी

द्रौपदी पांच पांडवों की पत्नी थी। द्रौपदी के पांच पुत्र थे जिन्हें उपपांडव कहा जाता था। महाभारत के अनुसार, द्रौपदी का जन्म राजा द्रुपद के अहंकार के कारण हुआ था। वहीं, पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी अग्नि से प्रकट हुईं थी। एक बार भरी सभा में द्रौपदी क्रोध में आकर हस्तिनापुर को बंजर धरती में बदल जाने का शाप देने वाली थी लेकिन तभी गांधारी के कहने पर उन्होंने अपने गुस्से पर तुरंत काबू पाया और खुद को ऐसा करने से रोक लिया। यदि वह ऐसा करती तो हस्तिनापुर का अस्तित्व ही मिट जाता। तो इससे यह पता चलता है कि द्रौपदी उन महिलाओं में से थीं, जिनके पास शक्ति भी थीं और उस पर नियंत्रण भी।

कब मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन को महिलाएं अपने अनुसरा मनाती है। सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की इस बार की थीम है  'डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी' (DigitALL: Innovation and technology for gender equality) है।

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