Guruwar Ke Upay: 22 फरवरी को माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और गुरुवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि गुरुवार दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक सौभग्य योग रहेगा। यह योग सदा मंगल करने वाला होता है। नाम के अनुरूप ही यह भाग्य को बढ़ाने वाला है। साथ ही गुरुवार को शाम 4 बजकर 43 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पुष्य आठवां नक्षत्र है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इस नक्षत्र के दौरान शुभ कार्य करने से सफलता मिलती है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनिदेव है। वहीं गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे में गुरुवार के दिन इन उपायों को करने से जीवन में आ रही समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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अगर आप अपनी अपनी फाइनेंशियल कंडिशन को बेहतर करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन एक केसर की डिब्बी लेकर, उसे भगवान विष्णु के चरणों से लगाकर अपने पास रख लें और जब कभी आप किसी व्यवसायिक यात्रा से बाहर जाएं तो उस केसर से अपने माथे पर तिलक लगाकर जाएं। लेकिन अगर आप केसर ना ले सकें, तो आप एक डिब्बी में सुखी हल्दी ले लें।
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अगर आपके बिजनेस का फ्लो धीमी गति से चल रहा है तो उस फ्लो को फिर से बढ़ाने के लिए गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र के दौरान पीपल का एक पत्ता लेकर आएं। अब उस पत्ते पर बींचो-बीच काले स्कैच पेन से एक बिन्दु बनाएं और उस बिन्दु को 5 मिनट तक लगातार देखते रहें। इसके बाद उस पत्ते को पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं और वहीं बैठकर शनि के इस मंत्र का जाप करें- 'ऊँ श्रीं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः।'
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अगर आप किसी कोर्ट-केस में उलझे हुए हैं और उससे जल्द ही बाहर निकलना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन आपको शनिदेव के मंत्र का जाप करना चाहिए। शनिदेव का मंत्र इस प्रकार है- 'ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।'
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अगर आप नौकरी कर रहे हैं और बहुत दिनों से आपकी आमदनी नहीं बढ़ पा रही है तो अपनी आमदनी में बढ़ोतरी के लिए गुरुवार के दिन आपको एक काला कोयला लेना चाहिए और उसे बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का जाप करना चाहिए- 'शं शनैश्चराय नमः।'
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अगर अपनी संतान की गतिविधियों के प्रति आपको हमेशा चिंता बनी रहती है, तो गुरुवार के दिन आपको एक नया पीले रंग का कपड़ा लेकर, उसे अपनी संतान के हाथों से स्पर्श कराकर विष्णु मंदिर में चढ़ाना चाहिए। साथ ही इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ऊँ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः।
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अगर आप घर के बड़े-बुजुर्गों के साथ प्रेम-भाव बनाये रखना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको श्री विष्णु भगवान की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए और भगवान को आमरस का भोग लगाना चाहिए। भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप में थोड़ा-सा आमरस खुद ग्रहण करें और घर के बड़े-बुजुर्गों को भी दें।
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अगर आप अपने आत्मबल और आत्म विश्वास को कायम रखना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको घर के ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में देशी घी का दीपक जलाना चाहिए और उसकी लौ को देखते हुए 21 बार ये मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: बृहस्पतये नम:।
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अगर आप जीवन में निगेटिव सिचुएशन से बचे रहना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको भगवान विष्णु की पूजा के समय पांच गोमती चक्र लेकर भगवान के सामने रखने चाहिए और उनकी विधि-विधान पूर्वक धूप-दीप आदि से पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद उन गोमती चक्र को उठाकर, एक पीले रंग के कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें।
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अगर आप अपनी जिम्मेदारियों का अच्छे से निर्वहन करना चाहते हैं, यानी उन्हें बिना किसी परेशानी के अच्छे से निभाना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको 'ऊँ नमो भगवते नारायणाय'। इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए और मंत्र जप के बाद श्री विष्णु को पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए।
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अगर आप अपने मित्रों की गिनती में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको श्री विष्णु भगवान के आगे हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए और किसी मंदिर के पुजारी को यथाशक्ति कुछ भेंट करना चाहिए।
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अगर आप नौकरी में लाभ की स्थिति सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन आपको आम के साफ-सुथरे पांच पत्ते लेकर उन्हें पानी से धोना चाहिए और उन पर रोली से श्री लिखकर विष्णु भगवान को अर्पित करना चाहिए।
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अगर आपके बिजनेस का फ्लो धीमी गति से चल रहा है तो उस फ्लो को फिर से बढ़ाने के लिए गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र के दौरान पीपल का एक पत्ता लेकर आएं। अब उस पत्ते पर बीचो-बीच काले स्कैच पेन से एक बिन्दु बनाएं और उस बिन्दु को 5 मिनट तक लगातार देखते रहें। इसके बाद उस पत्ते को पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं और वहीं बैठकर शनि के इस मंत्र का जाप करें- 'ऊँ श्रीं ह्रीं शं शनैश्चराय नमः।'
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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