Guru Gochar 2024: 1 मई की दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर गुरु वृष राशि में प्रवेश करेंगे। भारतीय ज्योतिष के अनुसार गुरु एक पुरुष ग्रह है। इसकी दिशा उत्तर-पूर्व है। इसका रंग पीला है और इसका आकाश तत्व से संबंध है। नक्षत्रों में पूर्वाभाद्रपद, पुनर्वसु और विशाखा नक्षत्रों का स्वामी गुरु को माना गया है। जन्मपत्रिका में गुरु के स्थित होने से संतान, विद्या, घर और स्वास्थ्य आदि विषयों पर विचार किया जाता है। गुरु का चरित्र यह है कि स्थान हानि करो जीवा। यानि गुरु जहां बैठता है, उस स्थान की हानि करता है और जहां देखता है, उस स्थान की वृद्धि करता है, लेकिन देव गुरु होने के कारण इसका यह चरित्र है कि ये कितना भी खराब क्यों न हो, कभी आदमी की इज्जत नीलाम नहीं होने देता। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि गुरु गोचर का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के दूसरे स्थान का संबंध हमारे धन और स्वभाव से है। गुरु का यह गोचर आपके लिए हर तहर से फेवरेवल होगा। आपके करियर में लाभ की स्थिति बनेगी। आपको भरपूर यश-सम्मान की प्राप्ति होगी। आपको हर तरह के भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति होती रहेगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य पहले से भी ज्यादा बेहतर होगा। लिहाजा गुरु के शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए जरूरतमंद की सहायता करें या गुरु के उपाय करें।
वृष राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के लग्न यानि पहले स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका में लग्न यानि पहले स्थान का संबंध हमारे शरीर और मुख से है। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे। बिजनेस में आपके मेहनत के बल पर ही आपको लाभ की प्राप्ति होगी। व्यर्थ के खर्चों पर कंट्रोल करेंगें, तो ही आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। समाज में यश पाने के लिए आपको थोड़ी कोशिश करनी पड़ेगी। गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए राजकोष से मिले धन का कुछ हिस्सा तिजोरी में रहें या स्त्री का सम्मान करें।
मिथुन राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के बरहवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के बारहवें स्थान का संबंध आपके व्यय और शय्या सुख से है। गुरु के इस गोचर से आपके परिवार की सुखशांति और जीवन में समृद्धि बनी रहेगी। साथ ही आपकी धन-सम्पदा में वृद्धि होगी। आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। सबके साथ रिश्तें मधुर रहेंगें। इस दौरान आपका बिजनेस आपको धन लाभ कराएगा। किसी पुराने भय या स्वास्थ्य संबंधी समस्या से छुटकारा मिलेगा। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए प्रतिदिन मस्तक पर केसर का तिलक करें या पीपल के पेड़ को नुकसान ना पहुंचाएं।
कर्क राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के ग्यारहवें स्थान का संबंध हमारे आय और इच्छाओं की पूर्ति से होता है। आपके लिए गुरु का यह गोचर बेहद शुभ है। गुरु का यह गोचर आपको प्रचुर धन लाभ कराएगा। करीयर में भी आपकी तरक्की सुनिश्चित होगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। साथ ही आपकी तिजोरियां धन से भर जाएगी। विद्यार्थियों को अपनी मेहनत का उचित फल मिलेगा। साथ ही अगर आप उच्च शिक्षा के लिए प्रयासरत हैं, तो इस दौरान आपके काम जरूर बनेंगे। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए इस दौरान झूठ न बोले या ईर्ष्या करने से बचें।
सिंह राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के दसवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के दसवें स्थान का संबंध हमारे करियर, राज्य और पिता से होता है। आपके लिए गुरु का यह गोचर मिला जुला रहने वाला है। इस दौरान आपको अपने कार्यों को पूरा करने में थोड़ी और मेहनत करनी पड़ेगी। अगर आप कला के क्षेत्र से जुड़े है, तो इस दौरान आपको थोड़ी बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक जिम्मेदारियों से थोडा राहत मिलेगा। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए इस दौरान सर ढक या जब सूर्य ग्रहण पड़े तो बादाम या नारियल का दान करें।
कन्या राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के नौवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के नौवें स्थान का संबंध हमारे भाग्य से होता है। गुरु के इस गोचर के दौरान आपको भवन निर्माण करने में रुकावटें आएंगी। भाई व परिवार के किसी व्यक्ति से आपको सहयोग मिलेगा। इस दौरान आप अपने आपको उर्जावान महसूस करेंगे। धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए प्रतिदिन भगवान के दर्शन करें या धर्म का पालन करें।
तुला राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के आठवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के आठवें स्थान का संबंध हमरे आयु से है। इस दौरान आपको अपने घरेलू मामलों एवं कार्यों में थोड़ी समस्या आ सकती है। आपके अधिकारियों के साथ रिश्ते अच्छे बने रहेंगे, जो आपके आय पर भी प्रभाव डालेगा। सफलता पाने के लिए आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। इस दौरान आपको उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए गले में सोना पहने या जरूरतमंदों की यथा संभव सहायता करें।
वृश्चिक राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के सातवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के सातवें स्थान का संबंध हमारे जीवनसाथी से है। इस दौरान जीवनसाथी हर कार्य में आपका सहयोग करेंगे। सप्तम स्थान का गुरु आपके अपने भाई-बहनों से रिश्ते और मजबूत बनायेगा। इस बीच गुरुजनों का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। गुरु के इस गोचर के दौरान पारिवारिक सौहार्द बढ़ेगा। खर्चों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस दौरान आपका स्वभाव उग्र होगा। खाने के प्रति अरुचि आएगी। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए इस दौरान शिव जी की पूजा करें या चन्द्र के उपाय करें।
धनु राशि
गुरु का यह गोचर आपके जन्मपत्रिका के छठे स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के छठे स्थान का संबंध हमारे मित्र, शत्रु और स्वास्थ्य से है। गुरु के इस गोचर से शत्रु पक्ष आपसे दूरी बनाकर रहेगा। माता के साथ आपके रिश्तें और मजबूत होंगे। मन में चल रही किसी बात से छुटकारा मिलेगा। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए इस दौरान अपना आचरण अच्छा रखें या गणेश जी की पूजाअर्चना करें।
मकर राशि
गुरु का यह गोचार आपके जन्मपत्रिका के पांचवें स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के पांचवे स्थान का संबंध हमारे संतान, बुद्धि, विवेक और रोमांस से है। गुरु के इस गोचर के दौरान आपको कार्यों में सफलता मिलती रहेगी। आय के नये स्त्रोत मिलने से संचय धन में बढ़ोतरी होगी। सगे–संबंधियों से रिश्तें और मधुर होंगे। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की तलाश पूरी होगी। साथ ही कार्यरत लोगों की पदोन्नति होगी। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए स्त्रियों का सम्मान करें या धर्म के नाम पर किसी से दान ना लें।
कुंभ राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के चौथे स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के चौथे स्थान का संबंध हमारे भवन, भूमि, वाहन और माता से है। चतुर्थ गुरु शुभ फल देने वाला होगा। गुरु का यह गोचर आपके सभी कष्टों को हर लेगा। आपको सभी प्रकार के सांसारिक सुख का लाभ मिलेगा। परिवार में सबके साथ रिश्ते अच्छे बने रहेंगे सबसे भरपूर सुख और सहयोग मिलेगा। आपका प्रोमोशन हो सकता है, जिससे आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। लिहाजा आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। लिहाजा गुरु की शुभ स्थिति बनाये रखने के लिए इस दौरान बड़ों का आदर करें किसी भी सूरत में उनका अपमान ना करें।
मीन राशि
गुरु का गोचर आपके जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान पर हुआ है। जन्मपत्रिका के तीसरे स्थान का संबंध हमारे पराक्रम, भाईबहन और यश से है। गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपकी तरक्की सुनिश्चित होगी। इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। आपके घरपरिवार में हर तरह से वृद्धि होगी। साथ ही आपके प्रति रिश्तेदारों का व्यवहार भी अच्छा रहेगा। व्यवसायिक क्षेत्र में आपको अपनी मेहनत के बल पर लाभ होगा। लिहाजा गुरु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कन्याओं का पैर छुकर आशीर्वाद लें या किसी की बुराई ना करें।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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