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Gochar 2024: गोचर कितने दिनों का होता है? जानिए कौनसा ग्रह कब करते हैं राशि परिवर्तन

Gochar: ग्रहों का गोचर जब होता है तब उसका प्रभाव सभी व्यक्तियों पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। तो आइए ज्योतिषि चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि गोचर कितनों दिनों का होता है।

Written By : Chirag Bejan Daruwalla Edited By : Vineeta Mandal Updated on: April 10, 2024 18:47 IST
Gochar 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Gochar 2024

Gochar: गोचर का सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और बारह राशियों से होता है। गोचर का अर्थ है ग्रहों की चाल। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रक्रिया को गोचर कहते हैं। ग्रहों के गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य से केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन की अवधि अलग-अलग होती है।

  • सूर्य (1 महीना)-  एक महीने के अंतराल में अपनी राशि बदलता है।

  • चंद्रमा (2.25 दिन)- को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए लगभग सवा दिन का समय लगता है।

  • मंगल (45 दिन)- करीब डेढ़ महीने की अवधि में अपनी राशि बदलता है।

  • बुध (21 दिन)- लगभग 21 दिन के अंतराल में राशि बदलता है।

  • बृहस्पति(12 महीना)- एक साल में अपनी राशि को बदलता है। 

  • शुक्र (26 दिन)-  लगभग 26 दिनों में गोचर होता है।

  • शनि (2.5 साल) - ढाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।

  • राहु और केतु (19 महीना) -  एक से डेढ़ वर्ष में गोचर 

व्रकी और मार्गी में अंतर

हमारे सौर मण्डल के सारे ग्रह एक दूसरे से लाखों किलोमीटर दूर हैं और सभी सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं, सबके अपने-अपने परिक्रमा पथ हैं। सबकी तरह पृथ्वी का भी अपना परिक्रमा पथ है और वह भी सूर्य का चक्कर लगाती रहती है। कभी-कभी पृथ्वी किसी धीमे चल रहे ग्रह के बगल से तेजी से गुजरती है तो धीमे चल रहा ग्रह पीछे छूटता जाता है जैसे वह उल्टी दिशा में जा रहा हो। आप सब ने अनुभव किया होगा कि अगर एक धीमे चल रही रेल गाड़ी के बगल से दूसरी रेल तेजी से गुजरे तो धीमी वाली रेल पीछे जाती हुई लगती है, जबकि वास्तव में वो उसी दिशा में जा रही होती है जिधर दूसरी जा रही होती है लेकिन आभास होता है कि वो पीछे जा रही है।

ठीक वही बात ग्रहों और पृथ्वी के बीच घटित होती है। इसी को मार्गी या वक्री कहते हैं। जब उल्टा चलता हो तो वक्री और जब सीधा चले तो मार्गी। यहां एक बात बता दें कि सूर्य और चंद्रमा हमेशा मार्गी रहते हैं और राहु और केतु हमेशा वक्री रहते है और बाकि पांच ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष अपनी गति के कारण कभी मार्गी तो कभी वक्री होते रहते हैं। 

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

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