सामुद्रिक शास्त्र में मनुष्य के शरीर के अंगों की बनवाट के आधार पर जीवन के बारे में पता लगाया जा सकता है। सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे विभिन्न प्रकार की वर्गाकार आकृति वाले चेहरों के बारे में। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार मुख्य रूप से चार तरह की वर्गाकार आकृति के चेहरे वाले लोग होते हैं– सम वर्गाकार, चौड़े वर्गाकार, लम्बे, वर्गाकार और विषम वर्गाकार। आज हम बात करेंगे सम वर्गाकार चेहरे वाले लोगों के बारे में।
ऐसा होता है उनके चेहरे का स्ट्रक्चर
सम वर्गाकार चेहरे वालों के चेहरे के चारों कोण नब्बे अंश के होते हैं, यानि उनकी लम्बाई-चौड़ाई एक समान होती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इन लोगों का शारीरिक विकास ठीक होता है, सेहत के मामले में भी ये स्वस्थ रहते हैं । ऐसे लोग प्रायः सेना, किसी व्यापार अथवा कारखाने में काम करने वाले, दूर की यात्राएं करने वाले या फिर जहाज आदि से इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का काम करने वाले होते हैं।
ऐसा होता है समवर्गाकार वालों का स्वभाव
समवर्गाकार, यानि जिनके चेहरे की आकृति में लम्बाई-चौड़ाई एक समान होती है, सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार उन लोगों का जीवन में हर तरह से विकास होता है। ये लोग जितने शारीरिक रूप से विकसित होते हैं, उतने ही मानसिक रूप से भी विकसित होते हैं । इनके बीच सोचने-समझने की अच्छी क्षमता होती है । ये चीज़ों के बीच तालमेल बनाये रखने में माहिर होते हैं और अपने कार्यों में सफल होते हैं। ये मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटते हैं और अपनी भावनाओं पर कंट्रोल रखते हैं । साथ ही ये लोग अनुशासन में रहने वाले, सन्तुलित विचारों वाले, विश्वास करने योग्य, दृढ़ता के साथ काम करने वाले और साहसी होते हैं। इन्हें खानपान का शौक होता है और ये अपनी शारीरिक क्षमता का अधिक प्रदर्शन करते हैं
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)
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