Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. धर्म
  3. कार्तिक और चैती छठ में क्या है अंतर? साथ ही जानें छठ पूजा से जुड़े जरूरी नियम

कार्तिक और चैती छठ में क्या है अंतर? साथ ही जानें छठ पूजा से जुड़े जरूरी नियम

साल में दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है। चैत्र माह में जब यह पर्व आता है तो उसे चैती छठ के नाम से जाना जाता है वहीं कार्तिक माह में आने वाले इस पर्व को कार्तिक छठ कहा जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि कार्तिक और चैती छठ में अंतर क्या होता है।

Written By: Naveen Khantwal
Updated on: April 12, 2024 17:19 IST
Chhath Puja- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chhath Puja

छठ का पर्व भारत के कई राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर उत्तर भारत में इस पर्व की धूम रहती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल वो राज्य हैं जहां इस पर्व की सबसे ज्यादा रौनक देखी जाती है। इसके साथ ही भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल में भी छठ का त्योहार मनाया जाता है। छठ पर्व साल में दो बार आता है एक कार्तिक मास में दीपावली के बाद और एक चैत्र मास में नवरात्रि के दौरान। चैत्र मास में आने वाले छठ पर्व को चैती छठ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि चैती छठ और कार्तिक छठ में अंतर क्या है। 

कार्तिक और चैती छठ में अंतर 

छठ का पर्व छठी माता और सूर्य देव को समर्पित है। साल में दो बार आने वाले छठ के पर्व में कई समानताएं हैं, जैसे ये दोनों ही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होते हैं और सप्तमी के दिन समापन होता है। साल के दोनों ही छठ के दौरान 36 घंट व्रत रखने का विधान है और संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना के लिए इस दौरान व्रत रखा जाता है। लेकिन कुछ अंतर भी चैती और कार्तिक छठ में हैं। नीचे इन अंतरों के बारे में बताया गया है। 

  • कार्तिक छठ के दौरान माता पार्वती की पूजा का विधान है जबकि चैती छठ में माता सीता की पूजा की जाती है। 
  • चैती छठ की तुलना में कार्तिक छठ के दौरान नहाय-खाय का विशेष महत्व माना गया है। कार्तिक छठ को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।
  • कार्तिक छठ में सूर्य देव के साथ उषा देवी की पूजा की जाती है जबकि चैती छठ में सूर्य देव के साथ छठी मैया की आराधना की जाती है।
  • एक अंतर ये भी है कि ये दोनों पर्व एक होने के बावजूद भी साल के अलग-अलग महीनों में आते हैं। 

इसके अलावा बहुत अधिक अंतर इन दोनों त्योहारों में नहीं है। दोनों ही त्योहारों में ठेकुआ, मिठाई फल वितरित किये जाते हैं। दोनों ही पर्व संतान, सौभाग्य और समृद्धि की कामना के साथ रखे जाते हैं। इन दोनों ही त्योहारों के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है। 

छठ पूजा के नियम

छठ पूजा के दौरान घर की साफ-सफाई करना अति आवश्यक होता है। इस दौरान आचार-विचार को शुद्ध रखने के लिए सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इस व्रत में जो प्रसाद वितरित किया जाता है वो केवल उन्हीं लोग द्वारा बनाया जाता है जो व्रत रख रहे हैं। छठ पर्व के दौरान लहसुन-प्याल भी वर्जित होता है। जो भक्त विधि-विधान से छठ पर्व के दौरान व्रत रखते हैं उन्हें छठी माता और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

ये भी पढ़ें-

क्यों किया जाता है कन्या पूजन? जानें महत्व और इससे जुड़ी पौराणिक कथा

सपने में बंदर देखने का ये होता है अर्थ, इन 3 स्थितियों में देखना सबसे शुभ

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement