Dhanteras 2024: धनतेरस का त्योहार लक्ष्मी-गणेश पूजन और खरीदारी करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन लोग आभूषण खरीदने के साथ ही वस्त्र और घर की साज-सज्जा के सामान भी खरीदते हैं। साथ ही यह भी मान्यता है कि, इस दिन लक्ष्मी माता, गणेश जी और कुबेर देव की पूजा करने से घर में बरकत आती है। इस दिन पूजा में क्या-क्या सामग्रियां आपको शामिल करनी चाहिए, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख में जानकारी देंगे।
धनतेरस पूजा का महत्व
अगर आप धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी के साथ ही गणेश जी, कुबेर देव और धन्वंतरी जी की पूजा करते हैं तो धन-धान्य के साथ ही आपको आरोग्य की प्राप्ति भी होती है। इन देवी-देवताओं की पूजा के साथ ही आपको मंत्र जप भी इस दिन करने चाहिए। इनकी कृपा प्राप्त होने पर आर्थिक रूप से आप संपन्न होते हैं, घर में बरकत आती है और जीवन में आ रही कई परेशानियों का अंत होता है।
धनेतरस पूजा सामग्री
- माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की प्रतिमा या तस्वीर
- इस दिन पूजा के लिए लक्ष्मी गणेश की अलग-अलग प्रतिमा आपको लेनी चाहिए ( लक्ष्मी-गणेश बैठे हुए हों)
- पूजा के लिए लकड़ी की चौकी
- लाल या पीले रंग का कपड़ा
- गंगा जल
- दीपक
- रुई
- पूजा की ताल
- पूजा के लिए कलश
- मौली
- रोली
- अक्षत
- गाय का घी
- शक्कर या गुढ़
- धूप
- कपूर
- अगरबत्ती
- पुष्प
धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतरेस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में यह तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू हो जाएगी। त्रयोदशी तिथि का समापन 30 अक्टूबर को दिन में 1 बजकर 15 मिनट पर होगा।
- पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक
- प्रदोष काल: शाम 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक
धनतेरस के दिन अगर आप सही मुहूर्त में पूजा अर्चना करते हैं तो कई तरह के अच्छे बदलाव आपको जीवन में देखने को मिल सकते हैं। आपकी आर्थिक संपन्नता के लिए इस दिन पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही जो लोग आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हैं, वो इस दिन मंत्रों का उच्चारण करके और ध्यान करके उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। यह दिन साल में एक बार आता है, इसलिए इस दिन आपको पूजा अर्चना और खरीदारी करने के साथ ही आत्मज्ञान के लिए धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन भी करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-