Chaturmas 2024: चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी के दिन से होती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। इसीलिए सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। आइए ऐसे में जानते हैं कि, चातुर्मास के चार महीनों के दौरान आपको किन कार्यों को करने से लाभ होगा और कौन से काम इस दौरान करना वर्जित माना जाता है।
चातुर्मास में करें ये काम होगा लाभ
- चातुर्मास का समय आध्यात्मिक और धार्मिक उत्थान के लिए शुभ माना जाता है। इस दौरान शुभ मांगलिक कार्यों को करने पर रोक लग जाती है, इसलिए भक्ति भाव से ईश्वर की आराधना करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय होता है।
- चातुर्मास के दौरान धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करने से आपको लाभ होता है। आपकी मानसिक स्थिति में सुधार आता है और वैचारिक शक्ति आपको प्राप्त होती है।
- इस अवधि में भगवान विष्णु के मंत्रों का जप और सत्यनारायण की कथा सुनने से आपको लाभ की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
- इस समय काल में आपको योग-ध्यान से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। सुबह और शाम के समय प्राणायाम और एकाक्षरी मंत्र 'ऊँ' का जप करना आपको आलौकिक अनुभव करवा सकता है। इसके साथ ही योग ध्यान करने से आपकी सेहत में भी अच्छे बदलाव देखने को मिलते हैं।
- यज्ञ और दान करने से भी इस दौरान आपको लाभ होता है। यह कार्य करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और उल्लास बना रहता है। इसलिए सामर्थ्य अनुसार इस समय कुछ न कुछ दान आपको अवश्य करना चाहिए।
- चातुर्मास में आपको अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और आप पर उनकी कृपा बनी रहती है।
- इस समय सात्विक भोजन आपको करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
चातुर्मास के दौरान न करें ये काम
- चातुर्मास में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य आपको नहीं करना चाहिए।
- इस अवधि में तामसिक भोजन जितना कम करेंगे उतना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
- इस दौरान दूध, दही, अचार, पत्तेदार सब्जियों को खाने की मनाही होती है।
- नए वस्त्रों की खरीदारी करने के लिए भी यह समय अच्छा नहीं माना जाता।
- किसी के भी प्रति अपने मन में गलत विचार इस दौरान न लाएं।
- बड़े बजुर्गों का अपमान न करें। ऐसा करना आपके लिए अहितकारी साबित हो सकता है।
- चातुर्मास में लंबी दूरी की यात्राएं करने से भी आपको बचना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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