अक्षय तृतीया के दिन से उत्तराखंड चारधाम की यात्रा शुरू हो चुकी है। इस यात्रा के लिए लाखों भक्तों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। पिछले साल चारधाम के दर्शन करने 55 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे थे, जिसके कारण कई मौकों पर राज्य प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए साल 2024 में प्रतिदिन दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या तय की गई है। ऐसे में आइए जानते हैं कि एक दिन में कितने लोग चारधाम के दर्शन कर पाएंगे और चारधामों के मौसम का हाल कैसा है।
एक दिन में कितने भक्त कर पाएंगे चारधाम के दर्शन
उत्तराखंड प्रशासन ने इस साल चारधामों के दर्शन के लिए भक्तों की संख्या तय की है। सूत्रों के अनुसार, यमुनोत्री धाम में एक दिन में 9 हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। गंगोत्री धाम में 11 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकेंगे वहीं एक दिन में 15 हजार भक्त बाबा केदार के दर्शन कर पाएंगे। यात्रा के अंतिम पड़ा बद्रीनाथ धाम में एक दिन में 16 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत होगी। यानि कुल मिलाकर लगभग 51 हजार श्रद्धालु एक दिन में चारधामों के दर्शन करेंगे। इस व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए लिए प्रशासन ने ऋषिकेष और श्रीनगर में तैयारियां पूरी कर दी हैं। चारधाम यात्रा की शुरुआत यूं तो यमुनोत्री से होती है लेकिन कुछ भक्त केदारनाथ और ब्रद्रीनाथ के दर्शनों के लिए ही जाते हैं। इसलिए प्रशासन ने चारों धामों की यात्रा करने वाले यात्रियों और दो धामों की यात्रा करने वाले भक्तों के लिए अलग से व्यवस्था की है।
ऐसा है चारधामों के मौसम का हाल
उत्तराखंड में मई-जून के दौरान मौसम सुहाना रहता है लेकिन असमय बारिश और तेज हवाएं श्रद्धालुओं को परेशान कर सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, यमुनोत्री और गंगोत्री में 10 और 11 मई को बारिश होने की संभावना है, साथ ही तेज हवाएं चल सकती हैं और बिजली भी गिर सकती है। वहीं रुद्रप्रयाग जिले में स्थिति केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों को 10 से 13 मई के बीच गरजते हुए बादल और ओलवृष्टि परेशान कर सकती है। यहां भी तेज हवाएं चलने की संभावना है। बद्रीनाथ का मौसम भी 10 से 14 मई ततक खराब रह सकता है। बद्रीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है जहां मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। यानि चारधाम की यात्रा पर जाने वालों की परीक्षा मौसम ले सकता है।
चारधाम यात्रा का लाभ
ऐसा माना जाता है कि जीते जी अगर कोई चारधाम यात्रा कर ले तो उसके सभी पाप मुक्त हो जाते हैं। चारधाम यात्रा करने के बाद भक्त को जन्म-मृत्यु के चक्र में नहीं पड़ना पड़ता और उसे मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ ही आध्यात्मिक उत्थान के लिए यह यात्रा हिंदू धर्म में बहुत अहम मानी गयी है।
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