Chandra Grahan 2024: हिंदू धर्म में ग्रहण काल को शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय कुछ सावधानियां रखना अत्यंत ही जरूरी होता है। 18 सितंबर को इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिस वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल का समय अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल काल के समय ऐसे कई काम है जिन्हें करने की मनाही होती है। सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय माना जाता हैं। ऐसे में सूतक काल के दौरान कोई मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल और ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या सावधनी बरतनी चाहिए यहां जानिए।
चंद्र ग्रहण के समय बरतें ये सावधानियां
-
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा पाठ नहीं करना चाहिए और न ही देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श करना चाहिए।
-
ग्रहण के समय खान-पीना वर्जित माना जाता है। तो ग्रहण के दौरान न खाने की चीजें बनाए और न ही खाएं।
-
चंद्र ग्रहण से पहले खाने-पीने की हर चीजें में तुलसी का पत्ता रखें और ग्रहण खत्म होने के बाद उसे हटाएं।
-
चंद्र ग्रहण के दौरान नुकीली चीजें जैसे- कैंची, सुई और चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
-
ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और स्त्रोत का उच्चारण करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव प्रभावित नहीं करता है।
-
चंद्र ग्रहण के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद स्नान आदि कर भगवान की पूजा करें।
चंद्र ग्रहण 2024 डेट और समय
चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 11 मिनट से प्रारंभ होगा। चंद्र ग्रहण समाप्त सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर हो जाएगा। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चारों तरफ नकारात्मकता फैल जाती है। सूतक लगने पर घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए। फिर ग्रहण समाप्त होने के बाद इन्हें निकालकर फेंक देना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-