
Budh-Rahu Yuti: 29 मार्च 2025 को मीन राशि में लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान बुध और राहु भी युति में होंगे, जिसे ज्योतिष शास्त्र में 'जड़त्व योग' कहा जाता है। जड़त्व योग तब बनता है जब बुध और राहु एक ही भाव में युति करते हैं। ज्योतिष में इस योग को शुभ नहीं माना जाता। जिन जातकों की कुंडली में यह योग होता है, उन्हें आर्थिक हानि, दुख और मानसिक परेशानी होती है। यह योग आमतौर पर जातक को चतुर भी बना सकता है। यदि इस युति पर गुरु की दृष्टि हो तो जातक कई भाषाओं का ज्ञाता होता है और बहुत ही चतुराई से अपने काम को सफल बनाता है। हालांकि 29 मार्च को सूर्य ग्रहण और शनि गोचर के कारण राहु-बुध की युति कुछ राशियों के लिए प्रतिकूल हो सकती है।
कन्या: कन्या राशि के सप्तम भाव (विवाह और साझेदारी का भाव) में षड्ग्रही योग बन रहा है। इससे दांपत्य जीवन में तनाव, वाद-विवाद और गलतफहमियों की संभावना बढ़ सकती है। अपने साथी के साथ संवाद करते समय सावधान रहें और किसी भी विवाद को बढ़ने से रोकें। साझेदारी में कारोबार करने वालों को भी सतर्क रहना होगा। बड़ी रकम का लेन देने सोच समझकर करेंगे। धन की बर्बादी करना भारी पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों के साथ वार्तालाप समझदारी से करें, आपकी बातों का गलत मतलब निकाला जा सकता है।
वृश्चिक: यह योग वृश्चिक राशि के पंचम भाव (प्रेम संबंधों का भाव) में बन रहा है। इससे प्रेम संबंधों में गलतफहमी, विवाद और अलगाव हो सकता है। प्रेम विवाह करने की योजना बना रहे लोगों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। विद्यार्थियों की एकाग्रता भंग होगी जिससे शिक्षा क्षेत्र में दिक्कतें आ सकती हैं। इस दौरान रिस्क भरा निवेश करने से भी आपको बचना होगा। करियर के गाड़ी तभी संतुलित होकर चलेगी जब आप खुद भी फिट रहेंगे, इसलिए सेहत के प्रति कोताही न बरतें।
मीन: यह षटग्रही योग मीन राशि के जातकों के सप्तम भाव को देख रहा है। इससे वैवाहिक जीवन में धन संबंधी मामलों को लेकर तनाव बढ़ सकता है। पार्टनर के प्रति अविश्वास या संदेह की भावना पैदा हो सकती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है। किसी तीसरे को अपने रिश्ते में खलल न डालने दें, आपस में बात करके मुद्दे को सुलझाएं। मानसिक पीड़ा से कुछ लोग जूझ सकते हैं। अनजाना भय आपको सताएगा।
राशियों के लिए सुझाव
- संचार बढ़ाएँ: अपने साथी से खुलकर बात करें और किसी भी गलतफहमी को तुरंत दूर करें।
- धैर्य रखें: किसी भी संघर्ष या तनावपूर्ण स्थिति में धैर्य बनाए रखें और कोई भी आवेगपूर्ण निर्णय न लें।
- बुज़ुर्गों से सलाह लें: अगर वैवाहिक समस्याएँ बढ़ रही हैं, तो परिवार के बड़ों या भरोसेमंद दोस्तों से मार्गदर्शन लें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें-