Saturday, November 02, 2024
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दाइसाकु इकेदा का 95 साल की उम्र में निधन, वैश्विक जापानी बौद्ध संगठन 'सोका गक्कई' के थे प्रमुख, जानें उनकी शिक्षाओं के बारे में

वैश्विक जापानी बौद्ध संगठन सोका गक्कई के प्रमुख दाइसाकु इकेदा निधन 95 वर्ष की आयु में हो गया। उन्होनें बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार को दुनिया भर में फैलाया। आइये जानते हैं उनके जीवन और विचारों के बारे में।

Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: November 20, 2023 10:06 IST
Daisaku Ikeda- India TV Hindi
Image Source : AP NEWS Daisaku Ikeda

जापान के सबसे बड़े धार्मिक संगठन सोका गक्कई के प्रमुख दाइसाकु इकेदा का निधन 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बता दें की उन्हें बौद्ध धर्म को दुनिया भर में फैलाने के लिए पहचाना जाता था। दाइसाकु इकेदा एक जापानी बौद्ध दार्शनिक, शिक्षक और लेखक थे। दाइसाकु इकेदा जापान के सबसे बड़े बौद्ध संगठन सोका गक्कई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। आइए एक झलक उनके जीवन पर डालते हैं और उनके विचारों को भी जानते हैं।

दाइसाकु इकेदा का जीवन

दाइसाकु इकेदा का जन्म  2 जनवरी 1928 को जापान के टोक्यो शहर में एक किसान परिवार में हुआ था। मानव कल्याण के प्रति उनकी भावना ऊम्र के साथ विकसित होती गई और उन्होनें 19 वर्ष की आयु में निचिरेन बौद्ध धर्म का अध्ययन करना शुरू कर दिया और सोका गक्कई संगठन के युवा समूह में शामिल हो गए। उनकी छवि एर जापानी बौद्ध दार्शनिक गुरु और एक कुशल लेखक के तौर पर देखी जाती थी।

उनके जीवन का उद्देशय शिक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देना था इसलिए उन्होनों बोद्ध धर्म का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जगह-जगह प्रचार प्रसार किया  सन 1975 में  उन्होंने सोका गक्कई इंटरनेशनल को स्थापित किया।

दाइसाकु इकेदा के विचार

  • दाइसाकु इकेदा ने जीवन में हार के बारे में बताया कि हार का मतलब है परेशानियों के बीच खुद को थका हारा हुआ मनना। सच्ची सफलता वही है जब आप खुद से अपनी लड़ाई को जीत जाएं। जीवन में वही सफल होते हैं, जो अपने सपनों के लिए दिन रात लगे रहते हैं चाहें उनके रास्तों में कितनी भी मुसीबतें आ जाएं। 
  • दाइसाकु इकेदा का मनना था कि जीवन में कितनी भी चीजें आपके विपरीत हो जाएं उससे कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। जो अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बड़ते रहते हैं उनकी जीत अंत में जरूर होती है। इसलि जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।

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