ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। माना जाता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में गुरु की स्थिति शुभ होती है उसे सुख-संपत्ति और वैभव जीवन में प्राप्त होता है। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को बुद्धि, विवेक, पारिवारिक सुख, भाग्य का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी राशियों की जानकारी देने वाले हैं जिनपर देव गुरु बृहस्पति की विशेष कृपा रहती है।
सिंह राशि
सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि के जातकों पर गुरु ग्रह की विशेष कृपा होती है। इस राशि के जातकों के जीवन में संपन्नता और खुशियों का कारण बृहस्पति हो सकते हैं। इसके साथ ही गुरु के प्रभाव के चलते राजनीति के क्षेत्र में भी इस राशि वालों को सफलता मिलती है। गुरु ग्रह इनको सही समय पर सही फैसला लेने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। हालांकि इस राशि के जातकों को गुरु के शुभ फल प्राप्त करने के लिए कभी भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
धनु राशि
इस राशि के स्वामी ग्रह गुरु बृहस्पति हैं, इसलिए स्वाभाविक है कि इनके ऊपर गुरु की विशेष कृपा दृष्टि होती है। गुरु इनको ज्ञानवान और ऊर्जावान बनाते हैं। धनु राशि के जातक हमेशा कुछ-न-कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं और इनमें यह गुण गुरु के प्रभाव के कारण ही होता है। इसके साथ ही जब इनके जीवन में बुरा दौर आता है तो गुरु इनका मार्गदर्शन किसी न किसी तरीके से कर ही देते हैं। गुरु के प्रभाव के चलते लेखन, अध्यापन, सरकारी क्षेत्रों और कारोबार में इस राशि के जातकों को जबरदस्त सफलता प्राप्त हो सकती है।
मीन राशि
राशिचक्र में गुरु के स्वामित्व वाली ये दूसरी राशि है। इस राशि के लोगों में धैर्य और सौंदर्य प्रेम देखा जाता है, प्राकृतिक सुंदरता के प्रति इस राशि वाले बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। गुरु का आशीर्वाद इनपर भी हमेशा बना रहता है। इस राशि के लोगों की एक खूबी ये होती है कि ये बिना बात किए भी सामने वाले के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं, इन्हें ये गुण गुरु की कृपा के चलते ही प्राप्त होता है। वहीं गुरु के प्रभाव के चलते पैसों से जुड़ी तंगी का सामना इनको बहुत कम करना पड़ता है।
इन तीनों राशियों पर गुरु की कृपा तो होती है, लेकिन साथ ही इनको अपने कर्मों को भी ऐसा बनाना चाहिए जिससे गुरु का आशीर्वाद हमेशा इन पर बना रहे। गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनको सही दिनचर्या का पालन करना चाहिए, मदिरा-मांस से दूरी बनानी चाहिए, धार्मिक कार्यों में हिस्सा लेना चाहिए, गुरुजनों और बड़े बजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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