एक बच्चे की विकास प्रक्रिया में दांतों का निकलना बेहद आवश्यक होता है। ज्यादातर देखा गया है कि 5 महीने से लेकर 8 महीने तक बच्चों के दांत आ जाते हैं, हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनके दांत जन्मे के 2 -3 महीने के भीतर ही निकलना शुरू हो जाते हैं, वहीं कुछ बच्चों के दांत 8 महीने से भी अधिक समय के बाद निकलते हैं। धार्मिक और ज्योतिषीय पुस्तकों में बच्चों के दांत निकलने की अवधि को लेकर शुभ और अशुभ संकेत बताए गए हैं। आइए ऐसे में जानते हैं कि किन महीनों में बच्चों के दांत निकलना शुभ माना जाता है और किस अवधि में अशुभ।
इन महीनों में बच्चों के दांत निकलना माना जाता है शुभ
अगर किसी बच्चे के दांत जन्म के चौथे महीने में निकलते हैं तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। चतुर्थ माह में दांत निकलना बच्चे के बड़े भाई-बहनों के जीवन में सकारात्मकता लेकर आता है। ऐसा माना जाता है इससे बड़े भाई-बहनों के जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं, किसी समस्या से वो जूझ रहे थे तो उसका समाधान मिल जाता है। हालांकि कुछ जानकार मानते हैं कि चौथे महीने में बच्चे के दांत निकलने से माता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जन्म के छठे और सातवें महीने में बच्चे के दांत निकलना बहुत शुभ फलदायक माना गया है। छठे महीने में बच्चे के दांत निकलने से घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं सातवें महीने में अगर बच्चे के दांत निकलते हैं तो बच्चे के पिता को शुभ परिणाम जीवन में मिल सकते हैं।
नवें और दसवें महीने में अगर बच्चे के दांत निकलते हैं तो ये उसके भविष्य के लिए बहुत शुभ माना गया है। इसके साथ ही ग्यारहवें महीने में अगर बच्चे के दांत आएं तो बच्चे की माता को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वहीं बारहवें महीने में बच्चे के दांत निकलना घर-परिवार में सुख-समृद्धि देने वाला माना जाता है।
इन महीनों में बच्चे के दांत आना माना जाता है अशुभ
ज्योतिष की मानें तो किसी बच्चे के दांत अगर दूसरे महीने में आ जाते हैं तो ये शुभ संकेत नहीं होता। ऐसा होने पर बच्चे के जीवन में चुनौतियां आ सकती हैं और परिवार की स्थिति भी खराब हो सकती है। आठवें महीने में अगर बच्चे के दांत निकलते हैं तो इससे बच्चे की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा होने पर बच्चे के स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखने की जरूरत होती है।
इसके अलावा अगर किसी बच्चे के ऊपरी दांत पहले आ जाते हैं तो ये भी अच्छा संकेत नहीं माना जाता। इससे बच्चे के जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं ऐसे बच्चों को बार-बार परेशान कर सकती हैं। इस स्थिति में चिकित्सक की उचित सलाह माता-पिता को अवश्य लेनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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