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Amarnath Yatra 2023: जब शिवजी ने नंदी, सर्प , चंद्रमा और मां गंगा का कर दिया था त्याग, जानें क्या थी इसके पीछे की वजह

Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ गुफा से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस गुफा में जाने से पहले शिवजी ने अपने शरीर से सांप, चंद्र और गंगा जी सबको हटा दिया था। यहां जानिए आखिर इसके पीछे क्या कारण था।

Written By: Vineeta Mandal
Updated on: July 01, 2023 10:42 IST
Amarnath Yatra 2023- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Amarnath Yatra 2023

Amarnath Yatra 2023: आज यानी 1 जुलाई से अमरनाथ की यात्रा शुरू हो गई है। तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 30 जून को ही रवाना हो चुकी है। शिव भक्तों के लिए अमरनाथ जाना किसी ख्वाब से कम नहीं होता है। इस पवित्र तीर्थ स्थल पर हर कोई अपनी जिंदगी में एक बार जरूर जाना चाहता है। आपको बता दें कि यहां भगवान भोलेनाथ बर्फ की शिवलिंग के रूप में स्थापित है। अमरनाथ की यात्रा काफी कठिन मानी जाती है। अमरनाथ के गुफा तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कई हजार की ऊंचाई की चढ़ाई करनी पड़ती है। हिंदू धर्म में अमरनाथ को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। तो आइए आज जानते हैं अमरनाथ गुफा से जुड़ी अहम बातें। 

अमरनाथ गुफा से जुड़ी मान्यताएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से उनकी अमरता का रहस्य जानना चाहा। तब शिवजी ने माता गौरी की इच्छा को देखते हुए उन्हें अमर कथा सुनने के लिए कहा। ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई भी इस कथा को सुन लेता तो वो अमर हो जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, इस कथा को सुनाने के लिए जब महादेव अमरनाथ गुफा गए तब वहां जाने से पहले उन्होंने अपने शरीर से हर चीज को उतार दिया। सबसे पहले शिवजी ने अपने वाहन नंदी का त्याग किया, जिस जगह को पहलाम नाम से जाना जाता है। फिर उन्होंने चंद्रमा को उतारा जिसका नाम चंदनवाड़ी पड़ा। इसके बाद भोलेनाथ ने अपने गले में लिपटे सांप को वहां से हटाया, उस स्थान को  शेषनाग कहते हैं। आखिर में उन्होंने अपनी जटाओं से गंगा जी को मुक्त किया उस जगह पंचतरणी नाम दिया गया। कहा जाता है शिव जी ने अपने पुत्र गणेश को महागुण पर्वत पर छोड़ा और उन्हें जिम्मेदारी दी गई कि कोई भी इस कथा के बीच में गुफा में प्रवेश न कर सके। आज भी अमरनाथ यात्रा के दौरान इन स्थानों के दर्शन होते हैं। 

अमरनाथ यात्रा का महत्व

कहा जाता है कि बाबा बर्फानी के दर्शन से हजार गुना पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। बता दें अमरनाथ में शिवलिंग का निर्माण गुफा की छत से टपकती पानी की बूंदों से होती है। कहते हैं कि यह शिवलिंग चंद्रमा की रौशनी के चक्र के साथ घटता और बढ़ता है। बर्फ से बने शिवलिंग के कारण ही इसे 'बाबा बर्फानी' कहते हैं। गौरतलब है कि इस साल अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक कर सकते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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