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Yogini Ekadashi: योगिनी एकादशी के दिन भक्तों के द्वारा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन पूजा आराधना करने से विष्णु-लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साल 2024 में योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को रखा गया। हालांकि यह व्रत तभी सफल माना जाता है, जब सही मुहूर्त में इस व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि योगिनी एकादशी व्रत का पारण कब होगा, इस दिन पूजा की विधि क्या रहेगी।
योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय
आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी तिथि का आरंभ 1 जुलाई की सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर हुआ था। एकादशी की समाप्ति 2 जुलाई को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर हुई। उदयातिथि की मान्यता के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को ही रखा गया। हालांकि एकादशी तिथि व्रत का पारण अगली तिथि को करना शुभ होता है। इसलिए योगिनी एकादशी का पारण भी द्वादशी तिथि में किया जाना ही शुभ रहेगा। पारण के लिए शुभ मुहूर्त 3 जुलाई के दिन सुबह 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
योगिनी एकादशी के पारण में इस विधि से करें पूजा
जिन लोगों ने योगिनी एकादशी का व्रत लिया है उनका द्वादशी तिथि के दिन शुभ मुहूर्त में पारण करना चाहिए। पारण से पहले सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान-ध्यान कर लेना चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा में इस दिन घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान आपको भगवान विष्णु के मंत्रों का जप और आरती करनी चाहिए। साथ ही भोग के रूप में भगवान विष्णु को आप खीर, पंचामृत, दूध, दही, केला अर्पित कर सकते हैं। पूजा समाप्ति के बाद आपको प्रसाद का वितरण करना चाहिए और खुद भी प्रसाद खाकर व्रत का समापन करना चाहिए। व्रत का पारण करने के बाद आप धन, अन्न, वस्त्र आदि का दान सामर्थ्य अनुसार कर सकते हैं। माना जाता है कि, पारण के बाद दान करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आपको कृपा प्राप्त होती है।
योगिनी एकादशी व्रत का फल
योगिनी एकादशी के दिन जो लोग व्रत रखते हैं उनके सभी दुखों का अंत हो सकता है। इस दिन व्रत रखने वालों को ईश्वर कृपा के साथ ही मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है। जो लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं वो अगर विधि-विधान से इस दिन व्रत रखते हैं तो उनकी धन से जुड़ी सभी समस्याएं माता लक्ष्मी दूर कर सकती हैं। माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति गीता का पाठ करते हैं उनसे विष्णु जी तो प्रसन्न होते ही हैं, साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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